न सोना, न प्रॉपर्टी...यहां पैसे लगाने वाले बने सबसे ज्यादा अमीर

Edited By Pardeep,Updated: 14 Nov, 2024 10:40 PM

neither gold nor property those who invested money here became the richest

भारतीय निवेशकों के लिए शेयर बाजार ने पिछले कुछ दशकों में सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक साबित किया है। हाल ही में अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली द्वारा किए गए अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि भारतीय निवेशकों ने प्रॉपर्टी और गोल्ड के...

नेशनल डेस्कः भारतीय निवेशकों के लिए शेयर बाजार ने पिछले कुछ दशकों में सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक साबित किया है। हाल ही में अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली द्वारा किए गए अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि भारतीय निवेशकों ने प्रॉपर्टी और गोल्ड के मुकाबले शेयर बाजार से कहीं अधिक मुनाफा कमाया है। अध्ययन में कहा गया है कि भारतीय परिवारों ने पिछले 25 वर्षों के दौरान शेयर बाजार में किए गए निवेश से औसतन 15% की कंम्पाउंड एन्क्रिवल रेट (CAGR) के हिसाब से रिटर्न कमाया है, जो गोल्ड (11.1%), बैंक एफडी (7.3%) और रियल एस्टेट (7%) से कहीं ज्यादा है।

इक्विटी से आय में 11% का योगदान
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में भारतीय परिवारों की कुल संपत्ति में 717 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जिसमें से करीब 11% हिस्सा शेयर बाजार से प्राप्त आय का है। इस दौरान भारतीयों ने इक्विटी में निवेश कर करीब 84 लाख करोड़ रुपये की कमाई की, जबकि कुल संपत्ति में से केवल 3% निवेश शेयर बाजार में किया गया था।

शेयर बाजार का निवेश: उच्च जोखिम, उच्च रिटर्न
इस अध्ययन में यह भी सामने आया कि इक्विटी निवेशकों को ये रिटर्न प्राप्त करने के लिए 30.7% की उच्च वोलैटिलिटी (जोखिम) का सामना करना पड़ा। इसके मुकाबले गोल्ड में उतार-चढ़ाव महज 11.3% था, जबकि बैंक एफडी में यह आंकड़ा केवल 1.6% था। हालांकि, उच्च जोखिम के बावजूद, इक्विटी ने लंबी अवधि में स्थिर और शानदार रिटर्न दिया है, जो निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बना है।

नई कंपनियों और प्रमोटर्स की कमाई
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि भारतीय परिवारों ने शेयर बाजार में निवेश के साथ-साथ नई कंपनियों के फाउंडर्स से भी जबरदस्त लाभ कमाया। पिछले दस वर्षों में भारतीय परिवारों ने नई कंपनियों के प्रमोटर्स के साथ मिलकर 819 लाख करोड़ रुपये की कमाई की, जिसमें से इक्विटी शेयरों से प्राप्त आय का हिस्सा करीब 1 लाख करोड़ रुपये, यानी 20% रहा। इसका मतलब है कि प्रमोटर्स और शेयर बाजार के निवेशकों ने मिलकर भारतीय इक्विटी बाजार से सैकड़ों लाख करोड़ रुपये की कमाई की है।

रिटेल निवेशकों की बढ़ती हिस्सेदारी
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले दस वर्षों में भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 8% से बढ़कर 23.4% हो गई है। 2013 में यह हिस्सेदारी 15.7% और 2018 में 20% थी। इस वृद्धि का मुख्य कारण निवेशकों की बढ़ती जागरूकता, डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स का विस्तार और सरकार की आसान नीतियां हैं।

भारत का शेयर बाजार: वैश्विक मंच पर
भारत का शेयर बाजार तेजी से बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दस वर्षों में भारतीय शेयर बाजार का कुल मार्केट कैप 4.5 गुना बढ़कर 437 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मार्च 2014 तक भारतीय कंपनियों का मार्केट कैप 101 लाख करोड़ रुपये था, जो अब 437 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसके साथ ही भारत अब दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है। वैश्विक स्तर पर भारत का शेयर बाजार मार्केट कैप में 4.3% की हिस्सेदारी रखता है, जो 2013 में केवल 1.6% था।

सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में बढ़ोतरी
भारत में शेयर बाजार से बढ़ते लेन-देन के कारण सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) संग्रह भी तेजी से बढ़ा है, जो सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण आय स्रोत बन गया है।

कुल मिलाकर, भारत में शेयर बाजार ने भारतीय निवेशकों को उच्च रिटर्न के साथ एक आकर्षक निवेश विकल्प प्रदान किया है। निवेशकों ने उच्च जोखिम के बावजूद लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न प्राप्त किए हैं। इसके अलावा, रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और भारतीय बाजार के वैश्विक मंच पर मजबूती से खड़ा होने से यह प्रतीत होता है कि आने वाले वर्षों में भारत का शेयर बाजार और भी अधिक प्रगति करेगा। मॉर्गन स्टेनली का यह अध्ययन यह दर्शाता है कि भारतीय परिवारों का इक्विटी निवेश में विश्वास बढ़ रहा है, और यह निवेश अगले कुछ वर्षों में 10% तक बढ़ सकता है।

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