Breaking




न कभी मंत्री बने न CM... सीधा बन गए थे देश के प्रधानमंत्री, जानिए कौन है वो महान शख्सियत

Edited By Harman Kaur,Updated: 17 Apr, 2025 03:16 PM

neither he became a minister nor a cm he directly became the pm of the country

आज के दिन यानी 17 अप्रैल को उस शख्सियत का जन्म हुआ था, जो न कभी किसी राज्य या केंद्र सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सीधा प्रधानमंत्री बन गए थे। यह कोई और नहीं बल्कि चंद्रशेखर थे। उनका जन्म 1927 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिम पट्टी गांव में...

नेशनल डेस्क: आज के दिन यानी 17 अप्रैल को उस शख्सियत का जन्म हुआ था, जो न कभी किसी राज्य या केंद्र सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सीधा प्रधानमंत्री बन गए थे। यह कोई और नहीं बल्कि चंद्रशेखर थे। उनका जन्म 1927 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिम पट्टी गांव में हुआ था। वे अपनी पढ़ाई के समय से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे और उन्होंने समाजवादी विचारधारा को अपनाया। अपने साहसी और विद्रोही स्वभाव के कारण उन्हें 'युवा तुर्क' के नाम से जाना जाता था।

बिना मंत्री बने सीधे प्रधानमंत्री बनने वाले नेता
चंद्रशेखर समाजवादी आंदोलन के प्रमुख नेता बने और बलिया से आठ बार सांसद चुने गए। उनके राजनीतिक जीवन की सबसे खास बात यह रही कि वे कभी किसी राज्य या केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बने, बल्कि सीधे प्रधानमंत्री के पद पर पहुंचे। उनके प्रधानमंत्री बनने की कहानी भारतीय राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ रही।

प्रधानमंत्री बनने की कहानी
1989 के लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। बोफोर्स घोटाले की वजह से कांग्रेस सत्ता से दूर हो गई, लेकिन सबसे ज्यादा सीटें उसी को मिलीं। कांग्रेस को रोकने के लिए भाजपा और वाम दलों ने मिलकर जनता दल के नेता विश्वनाथ प्रताप सिंह को प्रधानमंत्री बना दिया।

भाजपा ने सरकार में रहते हुए राम मंदिर आंदोलन को तेज किया और लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा निकाली। जब यह यात्रा बिहार पहुंची, तो मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी को गिरफ्तार करवा दिया, जिससे भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया।

64 सांसदों के साथ मिलकर चंद्रशेखर ने बनाई थी "समाजवादी जनता पार्टी"
इसी बीच चंद्रशेखर ने जनता दल से अलग होकर 64 सांसदों के साथ "समाजवादी जनता पार्टी" बनाई। कांग्रेस, जो पहले सत्ता से बाहर थी, ने चंद्रशेखर को समर्थन देने का फैसला किया। यह वही कांग्रेस थी जिससे चंद्रशेखर ने अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी, लेकिन आपातकाल के बाद वे इसके कटु आलोचक बन गए थे।

प्रधानमंत्री बनने के बाद का संघर्ष
चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री पद की शपथ तो ले ली, लेकिन कांग्रेस के साथ उनका रिश्ता बेहद अस्थिर रहा। कांग्रेस सरकार पर लगातार दबाव डालती रही और अंदर ही अंदर नए चुनाव की तैयारी कर रही थी। चार महीने के भीतर ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर की सरकार राजीव गांधी की जासूसी करवा रही है। इसी बहाने कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया और 6 मार्च 1991 को चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, 21 जून 1991 तक वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में काम करते रहे, जब तक कि पीवी नरसिम्हा राव ने पदभार नहीं संभाल लिया।

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!