नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल भरा रहा साल 2024, भारत-चीन के साथ रिश्तों के बदले समीकरण

Edited By Tanuja,Updated: 30 Dec, 2024 02:30 PM

nepal 2024 new pm looks to strike a balance between india and china

2024 में नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल का दौर जारी रहा, जिसमें गठबंधन की स्थिति बार-बार बदलती रही और एक चीन समर्थक सरकार सत्ता में आई, जिस पर भारत ने सतर्क नजर रखी...

Kathmandu : 2024 में नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल का दौर जारी रहा, जिसमें गठबंधन की स्थिति बार-बार बदलती रही और एक चीन समर्थक सरकार सत्ता में आई, जिस पर भारत ने सतर्क नजर रखी। के. पी. शर्मा ओली (72) चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने और राजनीतिक स्थिरता लाने की चुनौती का सामना किया। जुलाई में 69 वर्षीय पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने विश्वास मत खो दिया, जब ओली की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत-माक्र्सवादी) ने शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद एक नया सत्ता-साझाकरण समझौता हुआ, जिसके तहत ओली 20 महीने बाद देउबा को सत्ता सौंपने वाले थे।वर्ष की शुरुआत जनवरी में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की नेपाल यात्रा से हुई और वर्ष के अंत में नेपाल के विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा भारत दौरे पर गए।


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राणा ने अगस्त में भी भारत का दौरा किया था, जिसके बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री नेपाल पहुंचे और व्यापार, पर्यटन, संपर्क, जल संसाधन, ऊर्जा, आपदा प्रबंधन, कृषि और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। जयशंकर ने अपनी यात्रा के दौरान नेपाल में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण के लिए 10 अरब रुपये (करीब 7.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर) की अनुदान राशि देने की घोषणा की। भारत ने नेपाल के दूरदराज क्षेत्रों में उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना (एचआईसीडीपी) के तहत स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचा निर्माण को वित्तपोषित किया। हिमालय से निकलने वाली कई नदियों से संपन्न नेपाल ने भारत के साथ अगले 10 वर्षों में 10,000 मेगावाट बिजली निर्यात करने के लिए समझौता किया।

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अक्टूबर में नेपाल, भारत और बांग्लादेश ने भारतीय पारेषण लाइनों के जरिए बांग्लादेश को बिजली निर्यात करने के लिए त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही नेपाल ने विवादास्पद मानचित्र में लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपनी सीमा में दिखाने की घोषणा की, जिसे भारत ने ‘अस्वीकार्य’ करार दिया। रोचक बात यह है कि नए नोटों की छपाई का ठेका एक चीनी कंपनी को दिया गया है। नेपाल और चीन ने मई में अपने पारंपरिक सीमा व्यापार केंद्रों को पुनः खोल दिया था। यह कदम तत्कालीन उपप्रधानमंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ द्वारा तिब्बत यात्रा के दौरान चीन से अनुरोध करने के बाद उठाया गया। ओली ने इस बात पर जोर दिया कि नेपाल दोनों देशों, भारत और चीन, के साथ संतुलित तरीके से दोस्ताना संबंध बनाए रखता है।

 

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उन्होंने कहा कि पड़ोसियों के बीच समस्याएं "स्वाभाविक" होती हैं और इनका समाधान "खुली बातचीत" से संभव है। प्रधानमंत्री बनने के बाद ओली ने भारत जाने की परंपरा को तोड़ते हुए दिसंबर में चीन की यात्रा की। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने नेपाल को 50 करोड़ चीनी मुद्रा (युआन) का अनुदान देने की घोषणा की और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का वादा किया। नेपाल और चीन ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) समेत 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। नेपाल 2017 से चीन के बीआरआई का हिस्सा है, हालांकि अभी तक कोई परियोजना लागू नहीं हुई है। भारत इस पहल को लेकर चिंतित है क्योंकि इसे चीन के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने का एक माध्यम माना जाता है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव नेपाल के जनकपुर में भी मनाया गया, जिसे देवी सीता का जन्मस्थान माना जाता है। वर्ष के दौरान नेपाल भी अपनी प्रमुख हिमालयी समस्याओं – बाढ़ और भूकंप – से अछूता नहीं रहा। एवरेस्ट पर्वत ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया, जब 291 विदेशी और 473 नेपाली शेरपाओं समेत 8,849 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचे।

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नेपाल के पर्वतारोही कामी रीता शेरपा ने मई में 30वीं बार एवरेस्ट की चोटी पर चढ़कर इतिहास रचा। पूर्णिमा श्रेष्ठ एक ही चढ़ाई के मौसम में तीन बार एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली व्यक्ति बनीं, जबकि फुंजो लामा ने 14 घंटे 31 मिनट में इसे फतह कर सबसे तेज पर्वतारोही का रिकॉर्ड बनाया। एवरेस्ट पर चढ़ने की होड़ पर्यावरण के लिए समस्याएं उत्पन्न कर रही है, जिसके कारण सेना को दो महीने का अभियान चलाकर 11,000 किलो कचरा हटाना पड़ा और पर्वतारोही के शवों को भी नीचे लाया गया। नेपाल खुद को LGBTQ  समुदाय के समर्थन में एक गंतव्य के रूप में स्थापित कर रहा है और "पिंक टूरिज्म" को बढ़ावा दे रहा है। इस दौरान 33 वर्षीय अंजू देवी श्रेष्ठ और 33 वर्षीय सुप्रिता गुरुंग ने नेपाल की पहली समलैंगिक जोड़ी बनकर अपनी शादी स्थानीय नगरपालिका में पंजीकरण कराई।


 
 

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