नेस्ले, पेप्सिको और Unilever के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने वाले हो जाएं सावधान, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Edited By Utsav Singh,Updated: 11 Nov, 2024 02:05 PM

nestle pepsico and unilever are selling poor quality products in india

आप भी अपने दैनिक जीवन में नेस्ले, पेप्सिको, यूनिलीवर और डैनोन जैसी बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको एक ताज़ा रिपोर्ट को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए। एक एनजीओ "एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव" (ATNI) की नई इंडेक्स रिपोर्ट में इन...

नेशनल डेस्क : आप भी अपने दैनिक जीवन में नेस्ले, पेप्सिको, यूनिलीवर और डैनोन जैसी बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको एक ताज़ा रिपोर्ट को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए। एक एनजीओ "एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव" (ATNI) की नई इंडेक्स रिपोर्ट में इन कंपनियों पर आरोप लगाए गए हैं कि ये भारत समेत अन्य लो-इनकम देशों में कम हेल्दी और क्वालिटी से समझौता किए हुए प्रोडक्ट बेच रही हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से...

दरअसल, प्सिको, यूनिलीवर, डैनोन जैसी बड़ी कंपनियों पर आरोप लगे हैं कि ये भारत और अन्य देशों में खराब गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट बेच रही हैं। इन आरोपों को एक एनजीओ "एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव" (ATNI) ने अपनी हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट में उठाया है।

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कौन सी कंपनियां शामिल हैं?

  • पेप्सिको (PepsiCo) – भारत में पेप्सी, सेवनअप, स्लाइस, स्टिंग, Lays चिप्स, कुरकुरे जैसी चीज़ें बेचती है।
  • यूनिलीवर (Unilever) – हॉर्लिक्स, रेड लेवल चाय, ताज महल चाय, क्लोजअप टूथपेस्ट, क्लिनिक प्लस शैंपू, डव साबुन आदि के लिए जानी जाती है।
  • डैनोन (Danone) – बेबी फूड आइटम्स, जिसमें प्रोटिनेक्स और एप्टामिल जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं, बेचती है।

रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
ATNI की रिपोर्ट के अनुसार, ये विदेशी कंपनियां भारत और अन्य कम आय वाले देशों में ऐसे प्रोडक्ट बेच रही हैं जो सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं। वहीं, हाई इनकम वाले देशों में ये कंपनियां ज्यादा हेल्दी और पौष्टिक प्रोडक्ट बेचती हैं। रिपोर्ट में भारत, इथियोपिया, घाना, केन्या, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस, तंजानिया और वियतनाम जैसे देशों को शामिल किया गया है, जिन्हें निम्न और निम्न मध्यम आय वाले देशों की लिस्ट में रखा गया है।

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    कैसे हो रही है क्वालिटी से खिलवाड़?
    रिपोर्ट में उदाहरणों के साथ यह बताया गया है कि इन कंपनियों ने निम्न आय वाले देशों में जो प्रोडक्ट बेचे हैं, उनकी क्वालिटी उच्च आय वाले देशों के मुकाबले बहुत खराब है। उदाहरण के लिए:

    • पेप्सिको – Lays चिप्स और ट्रॉपिकाना जूस जैसे प्रोडक्ट्स को न्यूट्री-स्कोर A/B के मानकों के अनुसार हेल्दी बनाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन यह केवल यूरोपीय संघ में ही लागू होता है। भारत में इन प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता कम है।

    • यूनिलीवर – यूनिलीवर के पोर्टफोलियो में वॉल्स और मैग्नम आइसक्रीम, नॉर सूप और रेडी-टू-कुक मिक्स जैसे फूड प्रोडक्ट्स आते हैं, जिनकी गुणवत्ता कम है।

    • डैनोन – डैनोन प्रोटीनेक्स और एप्टामिल जैसे प्रोडक्ट्स भारत में बेचता है, जो दूसरे देशों में बेचे जाने वाले समान प्रोडक्ट्स की तुलना में कम गुणवत्ता के हैं।

     

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    क्वालिटी पर अंक कैसे दिए गए?
    एटीएनआई इंडेक्स के अनुसार, फूड प्रोडक्ट्स को हेल्थ स्टार रेटिंग सिस्टम के आधार पर 5 अंकों में से अंक दिए जाते हैं। जहां 5 अंक को सर्वोत्तम माना जाता है, वहीं 3.5 अंक से ऊपर को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।

    • निम्न आय वाले देशों में इन कंपनियों के प्रोडक्ट्स को औसतन 1.8 अंक मिले।

    • हाई इनकम वाले देशों में इन प्रोडक्ट्स को औसतन 2.3 अंक मिले।

    इससे स्पष्ट है कि इन कंपनियों के प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता निम्न आय वाले देशों में काफी खराब है।

    एनजीओ ATNI की रिपोर्ट ने यह साफ किया है कि बड़ी विदेशी कंपनियां भारत जैसे कम आय वाले देशों में खराब गुणवत्ता वाले फूड प्रोडक्ट्स बेच रही हैं, जबकि हाई इनकम वाले देशों में उनके प्रोडक्ट्स ज्यादा हेल्दी होते हैं। यह रिपोर्ट कंपनियों की जवाबदेही और उनके द्वारा बेचे जाने वाले प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता पर सवाल उठाती है, विशेष रूप से जब ये प्रोडक्ट्स बच्चों और परिवारों के स्वास्थ्य पर असर डाल सकते हैं।

     

     

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