Edited By Rahul Rana,Updated: 12 Nov, 2024 03:39 PM
भारत में 1 अप्रैल से 10 नवंबर 2023 के बीच का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल की तुलना में 15.4% बढ़कर 12.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस संग्रह में कॉर्पोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर दोनों शामिल हैं। 35,923 करोड़ रुपये के अन्य कर भी इस दौरान...
नेशनल डेस्क। भारत में 1 अप्रैल से 10 नवंबर 2023 के बीच का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल की तुलना में 15.4% बढ़कर 12.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस संग्रह में कॉर्पोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर दोनों शामिल हैं। 35,923 करोड़ रुपये के अन्य कर भी इस दौरान वसूल किए गए हैं, जो सरकार की राजस्व संग्रहण क्षमता को बढ़ाते हैं।
इस अवधि के दौरान सरकार ने 2.92 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए हैं, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 53% ज्यादा हैं। इसका मतलब यह है कि सरकार ने अधिक करदाताओं को उनके ज्यादा भुगतान किए गए कर की वापसी की है।
अगले वित्त वर्ष का लक्ष्य
इस साल 2023-24 के लिए सरकार ने 22.12 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13% अधिक है। यह सरकार के कर संग्रह को बढ़ाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह आंकड़ा बताता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार और आयकर संग्रह के स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे सरकार को विकासात्मक योजनाओं को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है।
वहीं इन रिफंडों को शामिल करने के बाद, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह - जिसमें कॉर्पोरेट, गैर-कॉर्पोरेट और अन्य कर शामिल हैं - ने पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि के दौरान एकत्र किए गए 10.49 लाख करोड़ रुपये से 15.41 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई।
सरकार वर्तमान में चालू वित्त वर्ष, FY25 के लिए 22.12 लाख करोड़ रुपये (व्यक्तिगत आयकर, कॉर्पोरेट कर और अन्य करों सहित) के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखती है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।