Edited By Anu Malhotra,Updated: 23 Dec, 2024 02:56 PM
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व आईएएस प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने शारीरिक और मानसिक अक्षमताओं के फर्जी दावे किए, अपना नाम और उपनाम बदला, और परीक्षा पास करने के लिए ओबीसी प्रमाणपत्र...
नेशनल डेस्क: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व आईएएस प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने शारीरिक और मानसिक अक्षमताओं के फर्जी दावे किए, अपना नाम और उपनाम बदला, और परीक्षा पास करने के लिए ओबीसी प्रमाणपत्र में हेरफेर किया। यह मामला जून और अगस्त में सुर्खियों में रहा था।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि उनकी मंशा, प्रथम दृष्टया, अधिकारियों को गुमराह करने की थी और इसे 'बड़ी साजिश का हिस्सा' करार दिया। कोर्ट ने कहा कि खेडकर "नियुक्ति के लिए अयोग्य" हैं। खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप हैं। अदालत ने इसे "फ्रॉड का एक क्लासिक उदाहरण" बताते हुए कहा कि यह न केवल एक प्राधिकरण बल्कि पूरे देश के साथ धोखा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले महीने इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब खारिज कर दिया गया है।
कोर्ट का फैसला
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि खेडकर के कदमों का उद्देश्य प्रशासन को गुमराह करना और लाभ अर्जित करना था। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए उनके आरोपों की जांच के लिए उचित कार्रवाई का समर्थन किया। इस फैसले के बाद खेडकर के खिलाफ चल रही जांच और तेज हो सकती है।