Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 16 Feb, 2025 12:03 PM
![new delhi railway station stampede pickpockets used knives and blades](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_12_00_256290480railway-ll.jpg)
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी की रात एक भीषण भगदड़ ने 18 लोगों की जान ले ली। यह घटना तब हुई जब एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के दौरान यात्रियों के बीच अफरातफरी मच गई। इस भीड़-भाड़ में लोगों की जेब काटने के लिए जेबकतरों ने चाकू और...
नेशनल डेस्क: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी की रात एक भीषण भगदड़ ने 18 लोगों की जान ले ली। यह घटना तब हुई जब एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के दौरान यात्रियों के बीच अफरातफरी मच गई। इस भीड़-भाड़ में लोगों की जेब काटने के लिए जेबकतरों ने चाकू और ब्लेड का इस्तेमाल किया, जिससे और ज्यादा हंगामा हुआ और भगदड़ बढ़ गई। घायलों को मदद पहुंचाने में लगभग 45 मिनट का समय लग गया, जिससे स्थिति और खराब हो गई। यह घटना न सिर्फ दिल दहला देने वाली है, बल्कि इसने रेलवे प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था की भी पोल खोल दी है।
घटना का कारण और वक्त
घटना रात करीब 8 बजे के आसपास शुरू हुई। रेलवे प्रशासन ने एक ट्रेन के प्लेटफॉर्म को बदलने का ऐलान किया, जिसके बाद लोग एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर भागने लगे। अचानक हुई इस अफरातफरी के कारण भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग कुचल गए और दबने से उनकी जान चली गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बड़ी संख्या में लोग जनरल टिकट लेकर यात्रा कर रहे थे और यह भीड़ उस वक्त अनियंत्रित हो गई।
जेबकतरे भी सक्रिय, स्थिति और बिगड़ी
भगदड़ के दौरान कुछ जेबकतरों ने अपनी शर्मनाक हरकत दिखाते हुए चाकू और ब्लेड का इस्तेमाल कर यात्रियों की जेबें काटी। कई लोग इन चाकू और ब्लेड के हमलों से घायल हुए, जिससे भगदड़ और बढ़ी। यह अमानवीय घटना तब हुई जब लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे।
मदद में देरी, घायलों को हुई कठिनाइयां
घटना के बाद घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के बजाय करीब 45 मिनट तक किसी प्रकार की मदद नहीं दी गई। इस देरी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया और कई लोग मदद मिलने से पहले ही दम तोड़ गए। रेलवे प्रशासन की लापरवाही और इंतजार की लंबी अवधि ने घायलों के लिए संकट और बढ़ा दिया।
मुआवजे का ऐलान
दिल्ली रेलवे प्रशासन ने इस दुखद घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। यह कदम शोक संतप्त परिवारों और घायलों के लिए सहारा हो सकता है, लेकिन यह घटना रेलवे सुरक्षा पर कई सवाल खड़े करती है।
लापरवाही और टिकट प्रणाली पर सवाल
कई लोगों ने आरोप लगाया कि रेलवे प्रशासन ने बहुत बड़ी लापरवाही से जनरल टिकट बेचे, जिससे स्टेशनों पर भारी भीड़ और अफरातफरी का माहौल बना। यात्रियों को यह कहा गया था कि जो टिकट ले लो, जहां जगह मिले बैठ जाओ, चाहे एसी हो या स्लीपर। इस तरह की टिकट प्रणाली ने ही भीड़ को नियंत्रित करने में विफलता साबित की और दुर्घटना को बढ़ा दिया।