Edited By Rahul Rana,Updated: 11 Dec, 2024 10:11 AM
नोएडा के सेक्टर-76 स्थित आम्रपाली सिलिकॉन सिटी में अब नए फ्लैट्स बनाए जाएंगे। इसके लिए खाली पड़ी जमीन पर सात नए टावर बनाए जाएंगे जिनमें कुल 668 फ्लैट्स होंगे। इन फ्लैट्स के निर्माण के लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) ने नया नक्शा...
नेशनल डेस्क। नोएडा के सेक्टर-76 स्थित आम्रपाली सिलिकॉन सिटी में अब नए फ्लैट्स बनाए जाएंगे। इसके लिए खाली पड़ी जमीन पर सात नए टावर बनाए जाएंगे जिनमें कुल 668 फ्लैट्स होंगे। इन फ्लैट्स के निर्माण के लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) ने नया नक्शा तैयार किया है जिसे नोएडा प्राधिकरण को मंजूरी के लिए भेजा गया है।
पहले का विवाद और निर्माण का ठप होना
आम्रपाली बिल्डर ने पहले इस जमीन पर फ्लैट बनाने के लिए नक्शा तैयार किया था, लेकिन कई विवादों के कारण निर्माण का काम शुरू नहीं हो सका। इसके बाद निर्माण की समय सीमा भी खत्म हो गई, और परियोजना अधूरी रह गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब NBCC आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी ले रही है।
परियोजना के बारे में
इस नए निर्माण के तहत 36,000 वर्ग मीटर की खाली जमीन पर सात टावर बनाए जाएंगे जिसमें प्रत्येक टावर में 27 मंजिलें होंगी। इन टावरों में कुल 668 फ्लैट बनाए जाएंगे। यह परियोजना आम्रपाली के उन फ्लैट खरीदारों के लिए उम्मीद का नया अवसर हो सकती है जिन्होंने पहले इन फ्लैट्स के लिए पैसा दिया था लेकिन निर्माण का काम अधूरा रहने के कारण उन्हें घर नहीं मिल सका।
नक्शे की मंजूरी की प्रक्रिया
नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि NBCC द्वारा भेजे गए नक्शे की जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही प्राधिकरण की टीम मौके का निरीक्षण भी करेगी। यदि सभी नियम और शर्तों के तहत सब कुछ ठीक रहा, तो इस परियोजना के लिए मंजूरी मिल जाएगी और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
दूसरा प्लॉट और नए टावर
सेक्टर-76 में आम्रपाली प्रिंसली एस्टेट के पास एक और खाली प्लॉट है जिसका आकार लगभग 8,000 वर्ग मीटर है। यह प्लॉट कोर्ट रिसीवर की देखरेख में सॉलिड प्रॉपर्टीज बिल्डर को 43 करोड़ रुपये में बेचा गया है। इस प्लॉट पर भी दो टावर बनाए जाने की संभावना है जिनमें करीब 100 फ्लैट हो सकते हैं। इस बिल्डर ने भी जल्द ही अपने नक्शे को मंजूरी के लिए भेजने की योजना बनाई है।
मुख्य उद्देश्य
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करना है ताकि उन लोगों को उनके घर मिल सकें जिन्होंने पहले इन फ्लैट्स के लिए भुगतान किया था।
इस पहल से न केवल उन खरीदारों की समस्याओं का समाधान होगा बल्कि नोएडा के सेक्टर-76 में रहने की सुविधाएं भी बढ़ेंगी।