Edited By Anu Malhotra,Updated: 01 Feb, 2025 12:12 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2025 पेश करते हुए ऐलान किया कि अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा, जिसे डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) कहा जाएगा। इस नए कोड का उद्देश्य व्यक्तिगत करदाताओं के लिए करों की गणना और रिटर्न दाखिल करने की...
नेशनल डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2025 पेश करते हुए ऐलान किया कि अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा, जिसे डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) कहा जाएगा। इस नए कोड का उद्देश्य व्यक्तिगत करदाताओं के लिए करों की गणना और रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है। इस बिल में कई अहम बदलाव की संभावना है, जिनमें टैक्स छूट की सीमाओं में वृद्धि, टैक्स दरों में संभावित बदलाव, और टैक्स भुगतान को आसान बनाने के उपाय शामिल हो सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह बिल मिडल क्लास और वेतनभोगी वर्ग को राहत देने के लिए केंद्रित होगा।
नई व्यवस्था में क्या बदलाव होंगे?
- वित्तीय वर्ष (FY) और लेखांकन वर्ष (AY) के बीच की अवधारणा को खत्म किया जा सकता है, जो अक्सर लोगों के लिए भ्रमित करने वाली रही है।
- इनकम टैक्स एक्ट 1961 को सरल और छोटे आकार में लाने का लक्ष्य है। इसे 60% तक कम किया जा सकता है। वर्तमान में, इस एक्ट में 23 अध्याय और 298 धाराएं हैं, जिससे यह जटिल हो गया है।
- नई व्यवस्था में करदाता के लिए गणना और रिटर्न दाखिल करना आसान होगा।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 में बदलाव
- DIVIDEND इनकम पर कर दर 15% तक निर्धारित की जा सकती है।
- कॅपिटल गेन टैक्स की दरों को समान किया जा सकता है।
- कर ऑडिट अब केवल चार्टर्ड अकाउंटेंट्स द्वारा नहीं, बल्कि कंपनी सचिवों और लागत प्रबंधक अकाउंटेंट्स द्वारा भी किया जा सकता है।
मुख्य बदलाव:
- उच्च आय वालों के लिए, वर्तमान में लागू होने वाला वेरिएबल सरचार्ज हटाकर एक स्थिर दर 35% की जा सकती है।
- LIC पॉलिसियों से होने वाली आय पर 5% टैक्स लगाया जा सकता है, जबकि पहले इसके लिए कोई टैक्स नहीं था।
- DTC में करदाताओं को दो टैक्स व्यवस्था चुनने का विकल्प खत्म किया जा सकता है। साथ ही, डिडक्शंस और एक्सेम्प्शंस भी कम किए जा सकते हैं।
यह नया डायरेक्ट टैक्स कोड आयकर कानून को सरल और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।