Edited By Radhika,Updated: 12 Feb, 2025 01:30 PM
![new income tax bill 2025 will be presented in lok sabha on february 13](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_13_30_018462262sita-ll.jpg)
केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में गुरुवार को New Income Tax Bill 2025 पेश कर सकती है। 1 फरवरी 2025 को मंत्री द्वारा अपने बजट भाषण के दौरान न्यू इनकम टैक्स बिल लाने की बात कही थी। बिल को लोकसभा में पेश करने के बाद इसे सेलेक्ट कमिटी...
नेशनल डेस्क : केंद्रीय वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में गुरुवार को New Income Tax Bill 2025 पेश कर सकती है। 1 फरवरी 2025 को मंत्री द्वारा अपने बजट भाषण के दौरान न्यू इनकम टैक्स बिल लाने की बात कही थी। बिल को लोकसभा में पेश करने के बाद इसे सेलेक्ट कमिटी के पास चर्चा के लिए भेजा जाएगा। बिल की कॉपी अब लोकसभा के सदस्यों को भेज दी गई है। पिछले हफ्ते शुक्रवार को मोदी कैबिनेट ने न्यू इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दी थी। अब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे लोकसभा में पेश करेंगी।
नए इनकम टैक्स बिल के लागू होने से टैक्स रिटर्न फाइल करना आसान हो सकता है। यह नया बिल मौजूदा आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सबसे पहले जुलाई 2024 के बजट में आयकर अधिनियम, 1961 की पूरी समीक्षा करने की बात कही थी। सीबीडीटी ने इस समीक्षा की निगरानी के लिए एक समिति बनाई थी, जिसका मकसद अधिनियम को संक्षिप्त, साफ और समझने में आसान बनाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 8 फरवरी को कहा था कि "न्यू इनकम टैक्स बिल के प्रस्ताव को अगले हफ्ते लोकसभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद यह एक संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा। जब समिति अपनी सिफारिशें दे देगी, तो यह बिल फिर से कैबिनेट के पास जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद, इसे फिर से संसद में पेश किया जाएगा। मुझे अब भी तीन महत्वपूर्ण चरणों से गुजरना होगा।"
नया आयकर विधेयक 2025 या नया प्रत्यक्ष कर कोड भारत की कर प्रणाली में सुधार लाने की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा है। इसका उद्देश्य मौजूदा कर ढांचे को और अधिक सरल, स्पष्ट और पारदर्शी बनाना है।
नए आयकर बिल में कई अहम बदलाव किए गए हैं:
- इसमें कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा।
- बिल का मुख्य उद्देश्य मुकदमेबाजी को कम करना होगा।
- कर प्रणाली में पारदर्शिता लाने पर ध्यान दिया जाएगा।
- पुराने और अब प्रयोग में नहीं आने वाले शब्दों को हटाया जाएगा, ताकि कर से जुड़ी भाषा सरल और समझने में आसान हो।
- कुछ अपराधों के लिए सजा कम करने का भी प्रावधान हो सकता है।
- इक्विटी के लिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस की अवधि में कोई बदलाव नहीं होगा। 12 महीने तक की अवधि को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाएगा, जैसा कि पहले था।
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स की दर में कोई बदलाव नहीं होगा, यह 20 फीसदी पर ही रहेगा।
- नए बिल को 1 अप्रैल 2026 से लागू करने का प्रस्ताव है।
- अब फाइनांशियल ईयर के पूरे 12 महीने को टैक्स ईयर कहा जाएगा, और 'एसेसमेंट ईयर' जैसे शब्द का उपयोग नहीं किया जाएगा।
- नया इनकम टैक्स बिल कुल 600 पेज का होगा, जिसमें 23 चैप्टर और 16 शेड्यूल होंगे। इसके अलावा, इसमें 536 क्लॉज होंगे, जबकि पहले 298 सेक्शन होते थे।