कृषि क्षेत्र की समृद्धि के लिए शुरू की नई पहलें

Edited By Archna Sethi,Updated: 28 Dec, 2024 07:44 PM

new initiatives started for the prosperity of agricultural sector

कृषि क्षेत्र की समृद्धि के लिए शुरू की नई पहलें


चंडीगढ़, 28 दिसंबर: (अर्चना सेठी) कृषि क्षेत्र को और समृद्ध बनाने और प्रदेश के मेहनती किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को फसली विविधता अपनाने के लिए उत्साहित करने के साथ-साथ गन्ने के रेट में वृद्धि, हाइब्रिड मक्के के बीजों पर सब्सिडी, धान की सीधी बुआई (डीएसआर) के लिए वित्तीय सहायता, किसानों को कृषि मोटरों के लिए मुफ्त बिजली सहित अन्य कई पहलें शुरू की गई हैं।

पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कृषि विभाग की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य द्वारा देशभर में गन्ने का सबसे अधिक 401 रुपये प्रति क्विंटल रेट दिया जा रहा है। पंजाब सरकार ने हाल ही में पिराई सीजन 2024-25 के लिए गन्ने के स्टेट एग्रीड प्राइस ( एस ए पी ) में 10 रुपये की वृद्धि की है, जिससे यह रेट 401 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इसके अतिरिक्त, पंजाब सरकार ने सहकारी चीनी मिलों का पिराई सीजन 2023-24 का सारा भुगतान भी क्लियर कर दिया गया है। इन पहलों के परिणामस्वरूप 2024-25 के दौरान गन्ने की फसल के तहत क्षेत्र में 5000 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।

उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा भूजल संरक्षण के लिए धान की सीधी बुआई (डीएसआर) तकनीक अपनाने वाले किसानों को 1500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। सरकार की इस पहल को किसानों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। खरीफ सीजन 2024 के दौरान कुल 2.53 लाख एकड़ क्षेत्र में डीएसआर के तहत बुआई की गई, जबकि 2023 में यह क्षेत्र 1.70 लाख एकड़ था। इस प्रकार पिछले साल की तुलना में इस साल डीएसआर के तहत 48.8% क्षेत्र की वृद्धि हुई है। कृषि विभाग ने वर्ष 2023 के दौरान 17,112 किसानों को 20.05 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।

कृषि मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को उनके ट्यूबवेल के लिए मुफ्त बिजली की सुविधा जारी रखी है और इसके लिए वर्ष 2024-25 के दौरान 9331 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि राज्य सरकार की फसली विविधता मुहिम को व्यापक समर्थन मिला है क्योंकि पंजाब में बासमती की खेती के तहत क्षेत्र में कम से कम 14% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस खरीफ सीजन के दौरान 6.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बासमती की बुआई हुई, जबकि 2023 में यह क्षेत्र 5.96 लाख हेक्टेयर था। पंजाब सरकार ने किसानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बासमती उत्पादन योग्य बनाने के लिए बासमती पर उपयोग होने वाले 10 कीटनाशकों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही एपीडा ( ए पी ई डी ए ) के तालमेल से बासमती एक्सटेंशन-रिसर्च सेंटर और रेजिड्यू टेस्टिंग लैब की स्थापना की जा रही है, जिससे पंजाब के बासमती निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने यह भी बताया कि खरीफ सीजन 2024 के दौरान मक्के की खेती के तहत क्षेत्र को पिछले वर्ष के 0.94 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 0.98 लाख हेक्टेयर करने में सफलता प्राप्त हुई है। राज्य सरकार ने पीएयू, लुधियाना द्वारा प्रमाणित और अनुशंसित मक्के के बीजों की हाइब्रिड किस्मों पर 100 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी प्रदान की है और इस उद्देश्य के लिए 2.30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। राज्य में 3500 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्के की प्रदर्शनियां भी लगाई गईं, जिसमें किसानों को 6000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मक्के के बीज और अन्य सामग्री, जैसे खाद और कीटनाशक, आदि के लिए सहायता दी गई।

कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा फसली अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों के लिए किसान समूहों, ग्राम पंचायतों और एफपीओज को 80% सब्सिडी और किसानों को 50% सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पराली प्रबंधन के लिए किसानों को 16,000 मशीनें प्रदान की गई हैं। इसके परिणामस्वरूप पराली जलाने की घटनाओं की संख्या इस वर्ष 10,909 रही, जबकि 2023 में यह संख्या 36,663 थी। इस प्रकार पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की तुलना में 70% की कमी आई है।

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