Edited By Tanuja,Updated: 11 Sep, 2024 04:30 PM
अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की है कि वह चिप्स अधिनियम 2022 (CHIPS Act) के तहत भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ...
Washington: अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की है कि वह चिप्स अधिनियम 2022 (CHIPS Act) के तहत भारत (India) के इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय के साथ साझेदारी करेगा। इस सहयोग का उद्देश्य वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करना और इसे विविध बनाना है। यह साझेदारी एक अधिक लचीली, सुरक्षित और स्थायी सेमीकंडक्टर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (World suply chain) बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इस सहयोग के तहत, अमेरिका और भारत की सरकारें सेमीकंडक्टर उद्योग में नवाचार और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एकजुट होंगी।
अमेरिकी डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कर्ट कैंपबेल ने इस साझेदारी को बाइडेन-हैरिस प्रशासन के सबसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रयासों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी भारत और अमेरिका के बीच प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में एक मजबूत संबंध बनाएगी, जो दोनों देशों के आर्थिक और सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है। कैंपबेल ने कहा, “भारत के साथ हमारी साझेदारी का विस्तार करना हमारे प्रशासन के रणनीतिक प्राथमिकताओं में से एक है। हम दोनों देशों के बीच तकनीकी नेतृत्व को और मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। खासकर, सेमीकंडक्टर, उन्नत दूरसंचार, और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में हमारी प्रगति उल्लेखनीय रही है।”
इसके अलावा, INDUS-X नामक पहल के तहत, दोनों देशों ने $1.2 मिलियन सीड फंडिंग की घोषणा की है, जो अमेरिकी और भारतीय कंपनियों को नई चुनौतियों से निपटने के लिए प्रेरित करेगा। इस साझेदारी से अमेरिका और भारत के बीच आपूर्ति श्रृंखला में सुधार और रक्षा नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।कैंपबेल ने यह भी उल्लेख किया कि GE इंजन के सह-उत्पादन के लिए दोनों देशों के बीच अभूतपूर्व तकनीकी हस्तांतरण हुआ है, जो रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।यह साझेदारी न केवल सेमीकंडक्टर उद्योग को नया रूप देगी, बल्कि वैश्विक सुरक्षा, तकनीकी नवाचार और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।