Edited By Anu Malhotra,Updated: 17 Mar, 2025 01:09 PM

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष पद को लेकर हलचल तेज हो गई है। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी अब संगठनात्मक बदलाव की ओर बढ़ रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले दिल्ली भाजपा के नेतृत्व को लेकर चर्चाएं जोरों पर...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष पद को लेकर हलचल तेज हो गई है। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी अब संगठनात्मक बदलाव की ओर बढ़ रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले दिल्ली भाजपा के नेतृत्व को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी करने के बाद पार्टी इस अहम पद पर किसे बैठाएगी, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।
रविवार को भाजपा हाईकमान ने दिल्ली संगठन चुनाव के लिए पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी। पार्टी ने डॉ. महेंद्र नागपाल को प्रदेश चुनाव अधिकारी बनाया है, जबकि विजय सोलंकी और योगेश अत्री को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही इस बात पर अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या वीरेंद्र सचदेवा को प्रदेश अध्यक्ष पद पर बनाए रखा जाएगा या फिर किसी नए चेहरे को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
नवरात्रि से पहले दिल्ली को मिल सकता है नया अध्यक्ष
भाजपा के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी के. लक्ष्मण ने 16 मार्च को महेंद्र नागपाल को दिल्ली संगठन चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया। भाजपा में संगठन का चुनाव तीन चरणों में होता है—पहले मंडल अध्यक्ष, फिर जिला अध्यक्ष और अंत में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी वीरेंद्र सचदेवा को दिल्ली में शानदार प्रदर्शन का इनाम देगी या फिर उन्हें किसी अन्य बड़ी जिम्मेदारी के लिए चुनेगी।
ओबीसी या दलित चेहरे पर दांव लगा सकती है पार्टी
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए किसी ओबीसी या दलित नेता को आगे बढ़ा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो वीरेंद्र सचदेवा को राज्यसभा के जरिए केंद्र में मंत्री पद दिया जा सकता है। इससे पहले भी पार्टी ने इस तरह के फैसले लिए हैं—
- गुजरात में सीआर पाटिल को जीत के बाद जलशक्ति मंत्री बनाया गया था, जबकि वह प्रदेश अध्यक्ष भी बने रहे।
- उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र देव सिंह को जीत के बाद योगी सरकार में मंत्री बनाया गया था।
- छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय को प्रदेश अध्यक्ष से सीधे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई।
राजस्थान-मध्यप्रदेश में संगठनात्मक बदलाव की प्रतीक्षा
हालांकि, कुछ राज्यों में भाजपा ने अलग रणनीति अपनाई—
- राजस्थान में जीत के बाद पार्टी ने सीपी जोशी को अध्यक्ष पद से हटा दिया, लेकिन उन्हें कोई नई जिम्मेदारी नहीं दी गई।
- मध्यप्रदेश में वीडी शर्मा को फिलहाल अध्यक्ष पद पर बनाए रखा गया है, लेकिन उनके हटने को लेकर संगठन चुनाव के बाद ही निर्णय होगा।
अब देखना होगा कि दिल्ली भाजपा का नेतृत्व किसके हाथों में जाएगा और पार्टी राजधानी में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए क्या रणनीति अपनाएगी।