Toll Plaza पर लागू हुए नए नियम, इस टोल प्लाजा पर 29 किमी की यात्रा केवल 65 रुपये में

Edited By Mahima,Updated: 15 Oct, 2024 01:44 PM

new rules implemented at toll plaza

NHAI ने झिंझौली में मानवरहित टोल प्लाजा पर नए नियम लागू किए हैं। सोनीपत से बवाना के 29 किमी के सफर पर अब केवल 65 रुपये का टोल लगेगा। ऑटोमेटिक सिस्टम और फास्टैग से टोल का भुगतान होगा। हल्के वाणिज्यिक वाहनों के लिए 105 रुपये और दो एक्सल वाले वाणिज्यिक...

नेशनल डेस्क: हाल ही में, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने टोल टैक्स में राहत देने के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिनसे यात्रियों को काफी लाभ होगा। विशेष रूप से, झिंझौली में देश के पहले मानवरहित टोल प्लाजा पर सोनीपत से बवाना तक के 29 किलोमीटर के सफर पर अब केवल 65 रुपये का टोल शुल्क लिया जाएगा। यह कदम यातायात को सुगम बनाने और समय की बचत के लिए उठाया गया है।

टोल कलेक्शन की नई प्रक्रिया
इस टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन की प्रक्रिया को अत्यधिक स्वचालित और प्रभावी बनाया गया है। NHAI अधिकारियों के अनुसार, इस प्रणाली में एडवांस टोल मैनेजमेंट सिस्टम और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग किया जाएगा। जैसे ही कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरेगा, वहां लगे सेंसर उसे पहचानेंगे और बैरियर को खोल देंगे। इससे वाहन चालकों को रुके बिना ही टोल भुगतान करने की सुविधा मिलेगी।

ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली
इस टोल प्लाजा पर एक और महत्वपूर्ण पहल है ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली, जिसका पायलट प्रोजेक्ट भी चल रहा है। इस प्रणाली के माध्यम से टोल शुल्क का भुगतान और भी अधिक सुविधाजनक होगा। नंबर प्लेट को पहचानने के बाद, सिस्टम स्वचालित रूप से टोल राशि काटेगा, जिससे किसी भी प्रकार के मैन्युअल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

अन्य वाहनों के लिए शुल्क संरचना
नए नियमों के अंतर्गत, विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए टोल शुल्क अलग-अलग निर्धारित किया गया है। हल्के वाणिज्यिक वाहनों के लिए 105 रुपये और दो एक्सल वाले वाणिज्यिक वाहनों के लिए 225 रुपये का शुल्क होगा। इसके अलावा, व्यक्तिगत वाहनों के लिए सबसे कम 65 रुपये का शुल्क रखा गया है। यह संरचना यात्री वाहनों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी और सफर को अधिक किफायती बनाएगी।

कैश भुगतान की व्यवस्था
भले ही ऑटोमेटिक सिस्टम को प्राथमिकता दी गई हो, फिर भी कैश भुगतान करने वालों के लिए एक अलग लेन की व्यवस्था की जाएगी। अगर कोई चालक फास्टैग का उपयोग नहीं करता है या उसका फास्टैग ब्लैकलिस्टेड है, तो उसे लेफ्ट साइड की लेन से निकाला जाएगा। ऐसे वाहनों से सामान्य से अधिक टोल शुल्क लिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऑटोमेटिक लेन में केवल फास्टैग धारक ही प्रवेश करें।

हाईवे पर साइन बोर्ड का उपयोग
NHAI ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि वाहन चालक ऑटोमेटिक लेन में प्रवेश करें, हाईवे पर स्पष्ट साइन बोर्ड लगाने की योजना बनाई है। ये साइन बोर्ड चालक को मार्गदर्शन करेंगे और बताएंगे कि फास्टैग धारक किस लेन का उपयोग करें।

भविष्य की योजनाएं
NHAI अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में और भी उन्नत तकनीकें लागू की जाएंगी। जीएनएसएस आधारित टोल सिस्टम एक ऐसी प्रणाली होगी, जिसमें टोल भुगतान के लिए फास्टैग या बैरियर्स की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रणाली के माध्यम से, जैसे ही कोई वाहन हाईवे पर प्रवेश करेगा, उसकी एक यूनिक आईडी बनेगी और टोल राशि अपने आप कट जाएगी। इस प्रकार की तकनीक अन्य स्थानों पर भी लागू की जाएगी, जैसे कानपुर में एक समान टोल प्लाजा का निर्माण किया जा रहा है।

टोल शुल्क की जानकारी
एनएच 344 पी पर टोल शुल्क को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। NHAI ने घोषणा की है कि दिसंबर तक टोल शुल्क वसूलने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यदि किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या आती है, तो कंट्रोल रूम में मौजूद इंजीनियर इसे तुरंत ठीक कर सकेंगे। यह टोल प्लाजा पूरी तरह से ऑटोमेटिक तरीके से संचालित होगा, जिससे वाहन चालकों को एक सुविधाजनक और तेज़ यात्रा का अनुभव मिलेगा।

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