Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Nov, 2024 05:11 PM
बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है। शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिया है कि सभी विश्वविद्यालय शिक्षकों एवं कर्मचारियों का डेटा शिक्षा विभाग के पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड करें।...
नेशनल डेस्क: बिहार के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है। शिक्षा विभाग ने यह निर्देश दिया है कि सभी विश्वविद्यालय शिक्षकों एवं कर्मचारियों का डेटा शिक्षा विभाग के पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड करें। इस दिशा में राज्य के 15 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को सूचित किया गया है कि पोर्टल पर सभी शिक्षक-कर्मचारियों का डेटा अपलोड करने के साथ उन शिक्षकों का वेतन सत्यापन भी कराना अनिवार्य है, जिनका वेतन सत्यापन अब तक लंबित है। यह व्यवस्था वित्तीय नियमों के पालन के तहत आवश्यक मानी जा रही है।
डेटा अपलोड न होने पर वेतन होगा बंद
जिन शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा अभी तक पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ है, उन्हें अपना डेटा अगले एक सप्ताह के भीतर अपलोड करना अनिवार्य है ताकि अक्टूबर-नवंबर महीने का वेतन निर्बाध रूप से जारी हो सके। यदि विश्वविद्यालय निर्धारित समय में डेटा अपलोड नहीं करते हैं, तो संबंधित शिक्षकों व कर्मियों का वेतन रोका जाएगा। इसके साथ ही जिन मदों में धनराशि जारी की गई है, उसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र भी एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराना होगा।
जनवरी से ऑनलाइन बजट अनिवार्य
शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि जनवरी से प्रस्तावित बजट शिक्षा विभाग के समर्थ पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। विभाग अब केवल ऑनलाइन बजट को ही स्वीकार करेगा। इसके लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे, जिन्हें ऑनलाइन बजट संबंधी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य वेतन भुगतान प्रक्रिया को अधिक संगठित और पारदर्शी बनाना है, जिससे राज्य के विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित किया जा सके।