Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 02 Feb, 2025 06:10 PM
1 फरवरी 2025 को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब की घोषणा की है। इसके तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी...
नेशनल डेस्क: 1 फरवरी 2025 को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब की घोषणा की है। इसके तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों की सैलरी में बड़ा इजाफा हो सकता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या नए टैक्स स्लैब का असर 8वें वेतन आयोग पर पड़ेगा? आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।
8वें वेतन आयोग का प्रभाव
8वें वेतन आयोग का लागू होना सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अहम खबर है, क्योंकि इससे उनकी सैलरी में 108 फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है। इससे लगभग 1.10 करोड़ केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारक लाभान्वित होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 1.92 से बढ़कर 2.08 होने पर न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 37,440 रुपये हो सकती है। वहीं, अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक बढ़ता है, तो यह राशि 51,480 रुपये तक जा सकती है।
सरकारी खजाने पर बढ़ेगा बोझ
बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव से सरकार के खजाने पर 1 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। वहीं, 8वें वेतन आयोग के ऐलान से सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ेगा। इसके बावजूद, सरकार ने इन कदमों को लागू करने का फैसला लिया है, ताकि कर्मचारियों को लाभ पहुंच सके और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिले।
नए टैक्स स्लैब का असर 8वें वेतन आयोग पर
नए टैक्स स्लैब का असर सीधे तौर पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा। नए टैक्स स्लैब में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। अगर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी 12 लाख रुपये तक जाती है, तो उन्हें टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन अगर उनकी सैलरी 12 लाख रुपये से ऊपर जाती है, तो उन्हें नए टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स भरना होगा।
यह स्पष्ट है कि 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी के बावजूद, यदि उनकी सैलरी 12 लाख रुपये से ज्यादा होगी, तो नए टैक्स स्लैब के अनुसार उन्हें टैक्स देना पड़ेगा। इस बदलाव से यह सुनिश्चित किया गया है कि कर्मचारियों को टैक्स में राहत मिले, बशर्ते उनकी सैलरी 12 लाख रुपये तक हो।