New Year, New Rules: नए साल के साथ लागू हुए महत्वपूर्ण नियम, pension से लेकर UPI लेनदेन तक होंगे बड़े बदलाव

Edited By Mahima,Updated: 01 Jan, 2025 12:07 PM

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1 जनवरी 2025 से लागू हुए नए नियमों में जीएसटी अनुपालन, UPI पेमेंट लिमिट में वृद्धि, पेंशन निकासी प्रक्रिया में सरलता, LPG सिलेंडर की कीमतों में बदलाव और किसानों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, क्रेडिट कार्ड और शेयर बाजार के...

नेशनल डेस्क: नया साल आते ही देशभर में कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो रहे हैं, जिनका असर आम नागरिकों, व्यापारियों और विभिन्न उद्योगों पर पड़ेगा। इनमें से कुछ बदलाव वित्तीय लेन-देन, सरकारी योजनाओं, वीज़ा प्रक्रिया, कराधान नियमों और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं में होंगे। नए नियमों में बदलाव के साथ-साथ कई नई सुविधाओं का भी परिचय कराया गया है, जिनका उद्देश्य भारत में आर्थिक सुदृढ़ता, पारदर्शिता और सुगमता को बढ़ावा देना है। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से:

1. जीएसटी अनुपालन में बदलाव: मल्टी-फैक्टर प्रमाणीकरण (MFA)
1 जनवरी 2025 से भारत में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) पोर्टल पर सभी करदाताओं के लिए मल्टी-फैक्टर प्रमाणीकरण (MFA) अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब हर करदाता को अपने जीएसटी अकाउंट में लॉग इन करते समय एक अतिरिक्त सुरक्षा कदम उठाना होगा। इस प्रक्रिया में, करदाता को एक ओटीपी (One-Time Password) प्राप्त होगा, जिसे उन्हें अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर दर्ज करना होगा। इसके अलावा, ई-वे बिल केवल 180 दिनों से पुराने नहीं होने वाले दस्तावेज़ों पर ही बनाए जा सकेंगे। यह कदम व्यवसायों को अपनी चालान और रसद प्रक्रियाओं को नए नियमों के अनुसार ढालने के लिए मजबूर करेगा।

2. वीज़ा प्रसंस्करण में बदलाव
भारत में वीज़ा आवेदकों के लिए भी कुछ बदलाव किए गए हैं। 1 जनवरी 2025 से, गैर-आप्रवासी वीज़ा आवेदकों को अपनी नियुक्ति को एक बार मुफ्त में पुनर्निर्धारित करने की अनुमति मिलेगी। हालांकि, यदि दूसरी बार नियुक्ति बदलनी होती है तो इसके लिए पुनः आवेदन और शुल्क का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, 17 जनवरी 2025 से H-1B वीज़ा प्रक्रिया में भी बदलाव किए जाएंगे। इसका उद्देश्य नियोक्ताओं को अधिक लचीलापन देना और भारतीय F-1 वीज़ा धारकों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाना है।

3. LPG सिलेंडर की कीमतों में समायोजन
1 जनवरी 2025 से, घरेलू और वाणिज्यिक एलपीजी (LPG) सिलेंडर की कीमतों में समायोजन किया जाएगा। यह कदम बाजार में बढ़ती लागतों के कारण लागू किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को एलपीजी सिलेंडर के लिए नई दरों का सामना करना पड़ेगा। इस बदलाव का असर घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ छोटे व्यवसायों पर भी पड़ेगा, जिन्हें वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि का सामना करना होगा।

4. EPFO पेंशन निकासी में सरलता
अब से, EPFO पेंशनधारी बिना किसी अतिरिक्त सत्यापन के अपनी पेंशन को किसी भी बैंक से निकाल सकेंगे। पहले यह प्रक्रिया जटिल थी और इसमें अतिरिक्त दस्तावेज़ीकरण और सत्यापन की आवश्यकता होती थी, लेकिन इस बदलाव से सेवानिवृत्त व्यक्तियों के लिए पेंशन प्राप्त करना अब और भी आसान हो जाएगा। यह कदम सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए वित्तीय स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

5. UPI लेन-देन की सीमा में वृद्धि
1 जनवरी 2025 से UPI (Unified Payments Interface) 123Pay की लेन-देन सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी जाएगी। इसका उद्देश्य फीचर फोन उपयोगकर्ताओं को अधिक लचीलापन और सुविधा प्रदान करना है, जिससे वे बड़ी राशि का लेन-देन भी आसानी से कर सकेंगे। UPI की बढ़ी हुई सीमा से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में नकद लेन-देन की निर्भरता कम होगी और वित्तीय समावेशन में वृद्धि होगी।

6. किसानों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि
1 जनवरी 2025 से, भारतीय किसानों के लिए ऋण सीमा में वृद्धि की गई है। अब किसान बिना किसी गारंटी के ₹2 लाख तक के ऋण के लिए पात्र होंगे, जबकि पहले यह सीमा ₹1.6 लाख थी। यह कदम कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है। इससे किसानों को उनके कार्यों के लिए अधिक पूंजी मिल सकेगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी।

7. वित्तीय लेन-देन में बदलाव

नई सावधि जमा (FD) नियम
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) के लिए सावधि जमा (FD) से संबंधित नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब, जमाकर्ता बिना ब्याज के छोटी राशि निकाल सकेंगे, यदि वे तीन महीने के भीतर इसे निकालते हैं। यह कदम उन ग्राहकों के लिए है, जिन्हें समय पर पैसे की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन बिना किसी ब्याज के पैसे निकालने का विकल्प दिया गया है।

क्रेडिट कार्ड के लाभ में बदलाव
आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत एयरपोर्ट लाउंज जैसी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए निर्धारित व्यय सीमा को पूरा करना आवश्यक होगा। इसका मतलब है कि उपभोक्ताओं को अब अपने क्रेडिट कार्ड पर अधिक खर्च करना होगा यदि वे अतिरिक्त लाभ चाहते हैं, जैसे एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस। 

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8. शेयर बाजार समाप्ति तिथि में बदलाव
1 जनवरी 2025 से, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के डेरिवेटिव्स की समाप्ति तिथि को शुक्रवार से बदलकर मंगलवार कर दिया गया है। इस बदलाव का व्यापारियों और निवेशकों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि यह उनके ट्रेडिंग निर्णयों और रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है। नए नियम के तहत, बाजार में होने वाली गतिविधियां मंगलवार को समाप्त होंगी, जो व्यापारिक दृष्टि से एक बड़ा बदलाव है।

9. EPF फंड के लिए ATM निकासी
1 जनवरी 2025 से, EPF (Employees' Provident Fund) खाताधारक अपने खातों से सीधे ATM के माध्यम से पैसे निकाल सकेंगे। यह सुविधा कर्मचारियों के लिए बहुत सहायक होगी, क्योंकि इससे उन्हें तत्काल वित्तीय जरूरतों के लिए अपने EPF फंड तक पहुंच प्राप्त होगी, बिना किसी लंबी प्रक्रिया के।

10. विमानन ईंधन मूल्य में समायोजन
विमानन ईंधन की कीमतों में 1 जनवरी 2025 से संशोधन होने की संभावना है, जो हवाई यात्रा की कीमतों को प्रभावित कर सकता है। इससे यात्रियों और एयरलाइनों दोनों के लिए यात्रा खर्चों में वृद्धि हो सकती है। इसका असर हवाई यात्रा की लागत में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिल सकता है, जो यात्रा करने वालों के लिए एक चुनौती हो सकता है।

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11. मोबाइल डेटा शुल्क में बदलाव
भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियाँ जैसे जियो, एयरटेल और वोडाफोन ने 1 जनवरी 2025 से अपने मोबाइल डेटा शुल्क में बदलाव की घोषणा की है। हालांकि इसके बारे में विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन इसके असर से उपभोक्ताओं के मोबाइल खर्चों में वृद्धि हो सकती है। इन समायोजनों से संबंधित अधिक जानकारी कंपनियों द्वारा जल्द जारी की जाएगी।

12. बैंक अवकाश का भ्रम
हालांकि 1 जनवरी 2025 को बैंकों के बंद होने को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है, नए साल के जश्न के कारण कुछ क्षेत्रों में यह एक प्रतिबंधित अवकाश हो सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने इस वर्ष के लिए अपनी छुट्टियों की सूची अभी तक जारी नहीं की है, जिससे स्थिति पर अस्पष्टता बनी हुई है।

1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले ये सभी बदलाव भारतीय नागरिकों, व्यापारियों और अन्य क्षेत्रों पर बड़े प्रभाव डालेंगे। चाहे वह जीएसटी अनुपालन के नए नियम हों, UPI लेन-देन की सीमा में वृद्धि हो, या किसानों के लिए ऋण सीमा में बदलाव, सभी को इन परिवर्तनों के लिए तैयारी करनी होगी। इन सुधारों का उद्देश्य देश में वित्तीय प्रणाली को मजबूत करना, कराधान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, और विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाना है। इसलिए, इन बदलावों के बारे में पूरी जानकारी रखना और उनसे संबंधित प्रक्रियाओं को समझना सभी के लिए आवश्यक होगा।

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