न्यूजीलैंड ने भारत के साथ FTA पर वार्ता फिर से शुरू करने की जताई इच्छा

Edited By Rahul Rana,Updated: 16 Dec, 2024 10:16 AM

new zealand expressed willingness to resume talks on fta with india

न्यूजीलैंड ने भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता फिर से शुरू करने की इच्छा जताई है। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वर्षों से एफटीए वार्ता ठप पड़ी हुई थी लेकिन अब दोनों देशों के बीच इसे...

इंटरनेशनल डेस्क। न्यूजीलैंड ने भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता फिर से शुरू करने की इच्छा जताई है। दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वर्षों से एफटीए वार्ता ठप पड़ी हुई थी लेकिन अब दोनों देशों के बीच इसे फिर से आगे बढ़ाने के संकेत मिल रहे हैं। इस बारे में कुछ विश्वसनीय सूत्रों ने जानकारी दी है जिन्होंने गोपनीयता की शर्त पर यह बात बताई।

भारत भी FTA पर इच्छुक लेकिन कुछ मुद्दों पर कर रहा विचार 

सूत्रों के अनुसार भारत भी न्यूजीलैंड के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करने के लिए इच्छुक है लेकिन कुछ विशेष पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। भारत इस समय अपनी नई व्यापार रणनीति पर काम कर रहा है और उसने व्यापार सौदों पर बातचीत के लिए कुछ मानक संचालन प्रक्रियाओं को लगभग अंतिम रूप दे दिया है।

14 साल पहले शुरू हुई थी FTA वार्ता

भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए वार्ता 14 साल पहले शुरू हुई थी लेकिन दोनों देशों के बीच कई विवादित मुद्दों और व्यापारिक मतभेदों के कारण यह बातचीत 10 दौर के बाद ठप हो गई थी। इसके बाद फरवरी 2015 के बाद से कोई औपचारिक वार्ता नहीं हुई है।

आरसेप समझौते के कारण भी हुई वार्ता धीमी 

दोनों देशों की एफटीए वार्ता की प्रगति चीन समर्थित क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसेप) समझौते के कारण भी धीमी रही। आरसेप व्यापार समझौता दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों (आसियान) के 10 देशों और उनके पांच साझेदार देशों जैसे न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बीच है। भारत ने आरसेप पर कई वर्षों की वार्ता के बाद इसे छोड़ दिया था जिसके कारण एफटीए की बातचीत में रुकावट आई।

न्यूजीलैंड के लिए FTA का महत्व

न्यूजीलैंड एफटीए के माध्यम से भारत के बाजार में अपनी कृषि, वन उत्पाद और शराब जैसे मादक पदार्थों को अधिक पहुंच देने की कोशिश कर रहा है। हालांकि भारत ने स्पष्ट किया है कि कुछ राजनीतिक संवेदनशील कारणों से डेरी उत्पादों (जैसे दूध, मक्खन और पनीर) को अधिक बाजार पहुंच देना संभव नहीं है। फिर भी न्यूजीलैंड की शराब (वाइन) पर आयात शुल्क में कमी की जा सकती है क्योंकि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ दो साल पहले हुए एफटीए के बाद वहां से आयातित वाइन पर शुल्क कम कर रहा है।

भारत की मुख्य रुचि सेवा क्षेत्र में अधिक पहुंच प्राप्त करना

भारत की मुख्य रुचि सेवा क्षेत्र में अधिक पहुंच प्राप्त करने की है। खासकर भारत कुशल कामगारों के लिए वीजा पर चर्चा को प्रमुख मुद्दा बना रहा है। दोनों देशों के बीच वस्त्रों और सेवाओं का व्यापार बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।

भारत और न्यूजीलैंड के व्यापार संबंध

भारत का न्यूजीलैंड के साथ व्यापार पिछले साल 1.75 अरब डॉलर का था। इसमें भारत ने न्यूजीलैंड को 0.91 अरब डॉलर का निर्यात किया और न्यूजीलैंड से 0.84 अरब डॉलर का आयात किया। हालांकि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने न्यूजीलैंड को वस्तुओं का निर्यात 1.7% कम किया जबकि आयात में लगभग 30% की गिरावट आई है।

भारत मुख्य तौर पर लोहा, इस्पात, एल्युमीनियम, लकड़ी का पल्प और फल जैसे उत्पाद न्यूजीलैंड से आयात करता है। वहीं न्यूजीलैंड से भारत औषधियां, महंगी धातुएं, रत्न, कपड़े और अन्य वस्त्रों का निर्यात करता है।

न्यूजीलैंड में भारतीयों की बढ़ती संख्या

न्यूजीलैंड में 3 लाख से अधिक भारतीय मूल के निवासी और 8,000 से अधिक भारतीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों में और भी मजबूती आई है।

भविष्य की दिशा

अंत में कहा जा सकता है कि न्यूजीलैंड और भारत के बीच एफटीए वार्ता फिर से शुरू हो सकती है। इस वार्ता में न्यूजीलैंड अपनी प्रमुख कृषि, वन उत्पाद और शराब के व्यापार को बढ़ाना चाहता है जबकि भारत अपने सेवा क्षेत्र में अधिक पहुंच की तलाश कर रहा है विशेष रूप से कुशल कामगारों के लिए वीजा में सुधार के मुद्दे पर जोर दे रहा है।

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