Edited By Mahima,Updated: 15 Nov, 2024 10:04 AM
न्यूज़ीलैंड की युवा सांसद हाना-रावहिती ने संसद में विवादास्पद संधि सिद्धांत विधेयक के खिलाफ हाका नृत्य किया और विधेयक की प्रति फाड़ी। यह विधेयक 1840 में हुई वेटांगी संधि के कुछ सिद्धांतों को बदलने की कोशिश करता है, जिसे माओरी समुदाय विरोध कर रहा है।...
नेशनल डेस्क: न्यूज़ीलैंड की सबसे युवा सांसद हाना-रावहिती करियारीकी मैपी-क्लार्क एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 22 वर्षीय ते पाटी माओरी सांसद ने संसद में एक विवादास्पद विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए पारंपरिक माओरी नृत्य हाका का नेतृत्व किया और विधेयक की एक प्रति को फाड़ दिया। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है और सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा तेज़ हो गई है। हाना-रावहिती करियारीकी मैपी-क्लार्क पहले भी संसद में हाका नृत्य करने के कारण चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने अपने पहले भाषण में इस पारंपरिक नृत्य को पेश किया था। उनका यह कदम न केवल माओरी संस्कृति को सम्मानित करने के रूप में देखा गया, बल्कि उनके साहसिक और शक्तिशाली प्रदर्शन ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई थी। अब एक बार फिर वे संसद में हाका नृत्य करने और विधेयक के खिलाफ प्रतिरोध जताने के कारण केंद्र में हैं।
संधि सिद्धांत विधेयक पर विरोध
संसद में हाना-रावहिती द्वारा विधेयक की प्रति फाड़े जाने का घटनाक्रम संधि सिद्धांत विधेयक पर एक महत्वपूर्ण वोट के दौरान हुआ। यह विधेयक, जो हाल ही में ACT न्यूजीलैंड पार्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया है, वेटांगी की संधि के कुछ प्रमुख सिद्धांतों में बदलाव करने की कोशिश करता है। यह संधि 1840 में ब्रिटिश क्राउन और माओरी प्रमुखों के बीच हस्ताक्षरित की गई थी और यह न्यूज़ीलैंड के संविधान और नीति के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस विधेयक का विरोध माओरी समुदाय में व्यापक रूप से हो रहा है, क्योंकि उन्हें डर है कि यह कदम उनके अधिकारों को कमजोर कर सकता है। वेटांगी की संधि न्यूज़ीलैंड में माओरी समुदाय और सरकार के बीच एक ऐतिहासिक समझौता है, और इसके कुछ सिद्धांतों को बदलने का प्रस्ताव माओरी लोगों द्वारा अस्वीकार्य माना जा रहा है।
विधेयक के खिलाफ विरोध
हाना-रावहिती करियारीकी मैपी-क्लार्क और उनके समर्थकों के अनुसार, इस विधेयक से माओरी समुदाय की स्थिति कमजोर हो सकती है, और उनके अधिकारों को कुचला जा सकता है। इस विधेयक को लेकर माओरी समुदाय में असंतोष का माहौल है, और इसके खिलाफ विरोध तेज़ हो गया है। इस विधेयक का पहला वाचन पारित होते ही सैकड़ों लोग अपने विरोध को दर्ज कराने के लिए हिकोई (मार्च) पर निकल पड़े। यह मार्च नौ दिनों तक चला और वेलिंगटन, न्यूज़ीलैंड की राजधानी तक पहुंचा।
हाना-रावहिती का विरोध
हाना-रावहिती ने विधेयक के खिलाफ अपनी नाराजगी और विरोध जताने के लिए संसद में हाका नृत्य किया। हाका, जो माओरी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, का प्रदर्शन हाना ने विधेयक के खिलाफ विरोध व्यक्त करने के रूप में किया। उन्होंने विधेयक की एक प्रति को फाड़कर संसद के सत्र को बाधित कर दिया। इस प्रदर्शन के दौरान कई अन्य लोग भी सार्वजनिक गैलरी में शामिल हो गए और विरोध में हिस्सा लिया। इसके बाद, स्पीकर गेरी ब्राउनली ने सदन को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया। यह घटना इस बात का प्रतीक बन गई कि कैसे पारंपरिक माओरी सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के माध्यम से राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर विरोध किया जा सकता है।
विधेयक का राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
ACT न्यूजीलैंड पार्टी के नेतृत्व में प्रस्तावित संधि सिद्धांत विधेयक को देश की केंद्र-दक्षिणपंथी गठबंधन सरकार का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, नेशनल पार्टी और न्यूज़ीलैंड फ़र्स्ट जैसी गठबंधन सहयोगी पार्टियां इस विधेयक को कानून बनने तक समर्थन देने का इरादा नहीं रखतीं। ये पार्टियां केवल विधेयक के पहले वाचन के दौरान इसे समर्थन देने पर सहमत हैं। प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने इस विधेयक को लेकर कहा कि वह इसके सरल होने का समर्थन करते हैं, और यह लंबे समय से चली आ रही बहस और चर्चाओं का समाधान नहीं है। प्रधानमंत्री ने पेरू में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले संवाददाताओं से कहा, "हम 184 वर्षों की बहस और चर्चाओं को एक कलम के झटके से नकार नहीं सकते, यह एक ऐसा विधेयक है जिसे मुझे लगता है कि बहुत सरल तरीके से पारित किया जा सकता है।"
माओरी समुदाय का विरोध
न्यूज़ीलैंड में माओरी लोगों की आबादी करीब 20 प्रतिशत है, और उनका मानना है कि वेटांगी की संधि और इसके सिद्धांतों का संरक्षण उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अधिकारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कई माओरी नेता और संगठनों का कहना है कि इस विधेयक से माओरी समुदाय के अधिकारों को कमजोर किया जा सकता है और यह एक गलत दिशा में कदम है। इसके विरोध में माओरी समुदाय के लोग देशभर में एकजुट हो रहे हैं और अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। न्यूज़ीलैंड की राजनीति में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां पारंपरिक माओरी संस्कृति और आधुनिक राजनीति के बीच एक संघर्ष सामने आ रहा है। हाना-रावहिती का हाका प्रदर्शन और विधेयक की प्रति फाड़ने की घटना ने इस विवाद को और भी बढ़ा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विधेयक के खिलाफ माओरी समुदाय का विरोध कैसे आकार लेता है और क्या यह प्रस्तावित विधेयक आखिरकार कानून बन पाता है या नहीं।