Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 29 Jan, 2025 04:23 PM
महाराष्ट्र के वाणिज्य और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री दादा भुसे को पत्र लिखकर परीक्षा केंद्रों पर बुर्के में आने वाली छात्राओं को एंट्री देने पर रोक लगाने की मांग की है। नितेश राणे का कहना है कि यह कदम परीक्षा के...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के वाणिज्य और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री दादा भुसे को पत्र लिखकर परीक्षा केंद्रों पर बुर्के में आने वाली छात्राओं को एंट्री देने पर रोक लगाने की मांग की है। नितेश राणे का कहना है कि यह कदम परीक्षा के पारदर्शी और नकलमुक्त तरीके से संचालन के लिए जरूरी है। नितेश राणे ने पत्र में यह चिंता व्यक्त की है कि बुर्के में परीक्षा देने से यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो जाएगा कि छात्रा के पास कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस न हो। उन्होंने कहा, "कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि परीक्षा पूरी तरह से पारदर्शी और नकलमुक्त हो।" उनका यह भी कहना है कि बुर्के के कारण छात्रा के पास मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होने का खतरा हो सकता है, जिससे नकल की संभावना बढ़ सकती है।
सामाजिक और कानून-व्यवस्था की समस्या का खतरा
राणे ने पत्र में यह भी लिखा कि अगर परीक्षा केंद्रों पर बुर्के में प्रवेश दिया जाता है, तो इससे सामाजिक और कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने इसे एक संभावित सुरक्षा खतरा भी बताया, जिसके कारण छात्रों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तुरंत कार्रवाई की अपील
राणे ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि वे इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करें और राज्य के सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दें ताकि परीक्षा केंद्रों पर बुर्के के पहनने को लेकर सख्त नियम लागू किए जा सकें। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में महिला पुलिस, अधिकारी या शिक्षक कर्मचारी की नियुक्ति की जानी चाहिए, ताकि किसी भी विवाद से बचा जा सके।
महाराष्ट्र सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब देखना होगा कि महाराष्ट्र सरकार और शिक्षा मंत्री इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या परीक्षा केंद्रों पर इस तरह के आदेश लागू किए जाते हैं। नितेश राणे के इस पत्र से यह भी साफ होता है कि वे परीक्षा के पारदर्शिता और सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।