Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 02 Feb, 2025 12:53 PM
महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उनका बयान इस्लाम और कुरान को लेकर आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि "जिन्हें इस्लाम धर्म और कुरान का सही अर्थ समझ में नहीं आया, उन्हें अब सुधारने का वक्त आ गया है।" राणे...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उनका बयान इस्लाम और कुरान को लेकर आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि "जिन्हें इस्लाम धर्म और कुरान का सही अर्थ समझ में नहीं आया, उन्हें अब सुधारने का वक्त आ गया है।" राणे का यह बयान नागपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान आया। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म की बात करने वाले लोग कभी बिगड़ते नहीं हैं, और वह हमेशा सुधारने की कोशिश करते हैं। राणे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वह पहले भी विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने इस्लाम धर्म और कुरान को लेकर यह टिप्पणी की, जो अब एक नया विवाद बन चुका है।
क्या था राणे का बयान?
नितेश राणे ने मीडिया से कहा, "मैं खुद कभी बिगड़ा नहीं हूं। धर्म की बात करने वाले लोग बिगड़ते नहीं हैं, हम लोग हमेशा सुधारने वाले होते हैं। जिनको इस्लाम के बारे में सही ज्ञान नहीं है, उन्हें सुधारने की जरूरत है।" राणे ने यह बात नागपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए कही। उनका यह बयान कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था क्योंकि यह सीधे तौर पर एक धार्मिक विषय पर था।
शिवसेना को लेकर क्या बोले राणे?
राणे से जब शिवसेना को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, "यह शिरसाठ का व्यक्तिगत मत है कि शिवसेना को एक होना चाहिए। इस बारे में आपको एकनाथ शिंदे से पूछना चाहिए कि उनका इस विषय पर क्या विचार है।" इस जवाब से यह साफ है कि राणे ने शिवसेना के मुद्दे पर किसी स्पष्ट स्थिति को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।
बुर्का पर उठाया था सवाल
राणे का यह बयान इस्लाम और कुरान से जुड़े मुद्दे पर पहली बार नहीं आया है। इससे पहले उन्होंने एक और विवादित मुद्दा उठाया था, जब उन्होंने स्कूलों में परीक्षा देने वाली छात्राओं के बुर्का पहनने पर सवाल उठाया था। उन्होंने बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्राओं को बुर्का पहनने की अनुमति न देने की बात की थी। उनका कहना था कि इससे सुरक्षा और नकल संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। राणे ने स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भूसे को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर विचार करने की अपील की थी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि यदि छात्राओं को बुर्का पहनने की अनुमति दी जाती है तो परीक्षा केंद्रों पर महिला पुलिस अधिकारी या महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए, ताकि नकल की समस्या का समाधान हो सके।