Edited By Harman Kaur,Updated: 16 Mar, 2025 03:24 PM

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति का मूल्यांकन उसकी जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर नहीं, बल्कि उसके गुणों और कार्यों से किया जाना चाहिए।
नेशनल डेस्क: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति का मूल्यांकन उसकी जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर नहीं, बल्कि उसके गुणों और कार्यों से किया जाना चाहिए।
'कभी भी जातिवाद की राजनीति को बढ़ावा नहीं देंगे...'
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बीते शनिवार को सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित किया। गडकरी ने अपने जीवन और राजनीति से जुड़े अनुभवों को साझा करते हुए यह स्पष्ट किया कि वह कभी भी जातिवाद की राजनीति को बढ़ावा नहीं देंगे, चाहे इसका उनके राजनीतिक करियर पर क्या भी असर पड़े। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार-जीत से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण अपने सिद्धांतों और मूल्यों को बनाए रखना है।
'जाति, धर्म, भाषा या लिंग से नहीं, बल्कि कार्यों और गुणों से बनती है पहचान'
गडकरी ने आगे कहा कि समाज को जाति, धर्म और भाषा के नाम पर बांटने की बजाय, हमें व्यक्ति के गुणों और काबिलियत को प्राथमिकता देनी चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति की पहचान उसकी जाति, धर्म, भाषा या लिंग से नहीं, बल्कि उसके कार्यों और गुणों से बनती है। उन्होंने स्वीकार किया कि राजनीति में जाति आधारित पहचान महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन उन्होंने दोहराया कि वह इस तरह की राजनीति से दूर रहेंगे, चाहे इससे उन्हें वोट मिले या नहीं। गडकरी ने कहा, "मैं राजनीति में हूं और यहां ये सब चलता है, लेकिन मैं इसे नहीं मानता, चाहे इससे मुझे वोट मिले या न मिले।"
'चुनाव हारने से जिंदगी खत्म नहीं होती...'
गडकरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कई लोग जाति के आधार पर वोट मांगते हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने सिद्धांतों को प्राथमिकता दी। उन्होंने सभा में कहा, "मैंने 50,000 लोगों से कहा था - जो करेगा जात की बात, उसके कस के मारूंगा लात।" उनके इस बयान पर कुछ लोगों ने चेतावनी दी थी कि इससे उन्हें नुकसान हो सकता है, लेकिन गडकरी ने कहा कि वह अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "चुनाव हारने से जिंदगी खत्म नहीं होती, लेकिन अपने विचारों से समझौता नहीं कर सकता।"