Edited By Rahul Singh,Updated: 31 Jul, 2024 06:30 PM
![nitin gadkari wrote a letter to nirmala sitharaman](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_7image_10_52_571856169nitingadkariandnirmalas-ll.jpg)
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को हटाने की मांग की है। गडकरी ने पत्र में बताया कि नागपुर डिवीजनल लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एंप्लाइज यूनियन...
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को एक पत्र लिखकर जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम (medical insurance premium) पर जीएसटी को हटाने की मांग की है। गडकरी ने पत्र में बताया कि नागपुर डिवीजनल लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एंप्लाइज यूनियन ने बीमा उद्योग से संबंधित मुद्दों पर एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है।
यूनियन ने मुख्य रूप से जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने की मांग की है। वर्तमान में, जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है। गडकरी ने पत्र में कहा कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना, जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है।
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यूनियन का मानना है कि जो व्यक्ति जीवन की अनिश्चितताओं से परिवार की सुरक्षा के लिए बीमा प्रीमियम का भुगतान करता है, उसे इस प्रीमियम पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए। इसी तरह, चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होना इस क्षेत्र की वृद्धि में बाधक बन रहा है। गडकरी ने पत्र में उल्लेख किया कि यूनियन ने जीवन बीमा द्वारा बचत के लिए भिन्न-भिन्न उपचार, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए आयकर छूट को फिर से लागू करने और सार्वजनिक और क्षेत्रीय सामान्य बीमा कंपनियों के समेकन से संबंधित मुद्दे भी उठाए हैं।
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पत्र में कहा गया है, "आपसे अनुरोध है कि जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी वापस लेने के सुझाव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करें, क्योंकि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए नियमों के अनुसार बोझिल हो जाता है, साथ ही अन्य प्रासंगिक बिंदुओं पर उचित सत्यापन भी किया जाना चाहिए।"