Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 02 Jan, 2025 06:36 PM
बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी तापमान बढ़ गया है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच राजभवन में हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आज पटना में बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान...
नेशनल डेस्क: बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी तापमान बढ़ गया है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच राजभवन में हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। आज पटना में बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का आमना-सामना हुआ। जब तेजस्वी ने नीतीश को अभिवादन किया, तो मुख्यमंत्री ने उनका हाथ पकड़ लिया, जो राजनीति के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
इस मुलाकात से पहले लालू प्रसाद यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार के लिए उनका दरवाजा हमेशा खुला रहता है। लालू ने यह भी कहा था कि यदि नीतीश साथ आते हैं, तो उन्हें माफ कर दिया जाएगा। लेकिन जब मीडिया ने तेजस्वी से पूछा कि क्या नीतीश वापस आएंगे, तो उन्होंने कहा, "मैं पहले ही साफ कर चुका हूं कि नीतीश के लिए हमारे दरवाजे बंद हैं।" तेजस्वी के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि आरजेडी में फिलहाल नीतीश कुमार की वापसी की कोई संभावना नहीं है।
राजभवन में दोनों नेताओं की मुलाकात में नीतीश और तेजस्वी दोनों के चेहरे पर मुस्कान थी, और उनके बॉडी लैंग्वेज ने राजनीतिक बयानबाजी के बीच एक अलग ही संदेश दिया। जहां एक ओर तेजस्वी ने नीतीश के प्रति अपनी दूरी बनाए रखी, वहीं नीतीश कुमार ने बिना किसी प्रतिक्रिया के हाथ जोड़ते हुए सवालों से बचने की कोशिश की। इस पूरे घटनाक्रम ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है और चर्चा तेज कर दी है कि क्या राजद और जदयू के बीच किसी नई राजनीतिक राह पर कदम रखा जाएगा।
राज्यपाल ने भी इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि व्यक्तिगत संबंधों की बात है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अवसर पर राजनीति से परे होकर सभी से मिलना उनका फर्ज था।