बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले को लेकर बोलीं कंगना- "भारत में हो सकती ऐसी स्थिति...", मुस्लिम फोरम भी टेंशन में

Edited By Tanuja,Updated: 30 Nov, 2024 04:42 PM

no protests for bangladeshi hindus a matter of concern kangana

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ बांगलादेश में असहमति और विरोध प्रदर्शन जारी हैं। भाजपा नेता व अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी बांगलादेश में हो रहे...

International Desk: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ बांगलादेश में असहमति और विरोध प्रदर्शन जारी हैं। भाजपा नेता व अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी बांगलादेश में हो रहे असंतोष पर चिंता जताई है।  कंगना रनौत ने ने इसे "चिंता का विषय" बताया और कहा कि यदि भारत में केंद्र सरकार का नेतृत्व उतना मजबूत नहीं होता, तो भारत में भी यह स्थिति बांगलादेश जैसी हो सकती थी। कंगना ने ये भी कहा कि बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होना चिंता का विषय है।  कंगना रनौत कंगना का यह बयान भारतीय किसानों के आंदोलन के संदर्भ में था, जहां हिंसा और अशांति के कारण देश में असंतोष का माहौल बना था। कंगना ने यह भी बताया कि इस तरह की अस्थिरता को विदेशी ताकतें, जैसे चीन और अमेरिका, भड़काने में शामिल हो सकती हैं।

 

कंगना के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं, खासकर पंजाब के विपक्षी नेताओं से। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने कंगना पर निशाना साधते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। उनका आरोप है कि कंगना ने किसानों का अपमान किया और भारत में विभाजन की कोशिश की। शिरोमणि अकाली दल (SAD) और अन्य क्षेत्रीय दलों ने भी कंगना के बयान को लेकर विरोध किया और उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। यह विवाद कंगना के आगामी फिल्म  इमरजेंसी के प्रमोशन के दौरान और भी बढ़ गया, जिसमें कंगना के विवादास्पद बयानों के कारण शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। 


यह घटनाक्रम बांगलादेश में बढ़ते धार्मिक हमलों और असहिष्णुता के बीच हो रहा है, जहां कई मानवाधिकार संगठन भी बांगलादेश सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हाल ही में, नॉवशाद सिद्धीकी की इंडिपेंडेंट मुस्लिम फोरम (ISF) ने कोलकाता में प्रदर्शन आयोजित किया। इस प्रदर्शन में पार्टी नेताओं ने बांगलादेश डिप्टी हाई कमीशन में एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें बांगलादेश सरकार से अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने की अपील की गई। 

 

ISF ने बांगलादेश सरकार से हिंसा की घटनाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की और इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया। पार्टी ने पीड़ितों को न्याय दिलाने और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने की भी अपील की। ISF के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि बांगलादेश में धार्मिक असहिष्णुता बढ़ रही है, और उन्हें डर है कि अगर इसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

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