Edited By Utsav Singh,Updated: 11 Nov, 2024 03:25 PM
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश को गंभीरता से न लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध का पालन ठीक से नहीं किया गया और यह सिर्फ दिखावे की तरह था।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश को गंभीरता से न लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध का पालन ठीक से नहीं किया गया और यह सिर्फ दिखावे की तरह था। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह इसके पालन के लिए एक विशेष टीम बनाए और यह सुनिश्चित करे कि बिना लाइसेंस के पटाखों का उत्पादन और बिक्री न हो सके।
पटाखों पर प्रतिबंध का पालन ठीक से नहीं हुआ
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पटाखों पर प्रतिबंध को गंभीरता से लागू नहीं किया। सिर्फ कच्चा माल जब्त करने को पर्याप्त कदम नहीं माना गया, और इस प्रतिबंध के असर को लेकर कोर्ट संतुष्ट नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि वह अपने आदेश का पालन पूरी तरह से सुनिश्चित करने के लिए एक स्पेशल सेल बनाए। इसके साथ ही, बिना लाइसेंस के पटाखों के उत्पादन और बिक्री को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
SC का अहम बयान: कोई धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी धर्म ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा नहीं देता, जो प्रदूषण फैलाती हों या लोगों की सेहत के लिए नुकसानदेह हों। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर पटाखे इसी तरह जलाए जाते रहे, तो यह नागरिकों के स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार को प्रभावित कर सकता है। अदालत का कहना था कि प्रदूषण से होने वाली समस्याओं को लेकर कोई भी धर्म इसकी मंजूरी नहीं दे सकता।
दिल्ली पुलिस को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
दिल्ली सरकार ने दिवाली से पहले पटाखों पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया था। हालांकि, दिवाली के दौरान राजधानी में भारी मात्रा में पटाखे फोड़े गए, और प्रतिबंध का पालन या तो बहुत कम हुआ या कुछ इलाकों में बिल्कुल भी नहीं हुआ। इस पर दिल्ली पुलिस के आयुक्त ने सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा दाखिल किया, जिसमें उन्होंने बताया कि पटाखों के उत्पादन और निर्माण को लेकर क्या कदम उठाए गए। लेकिन कोर्ट ने पुलिस की दलीलों से संतुष्ट नहीं होते हुए कहा कि यह केवल दिखावे का कदम था, और इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।
स्थायी प्रतिबंध पर निर्णय लेने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह भी पूछा कि पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने का निर्णय क्यों देर से लिया गया। कोर्ट ने कहा कि जब तक सरकार ने प्रतिबंध की घोषणा की, तब तक शायद लोग पटाखे खरीद चुके होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह सभी संबंधित पक्षों से परामर्श कर 25 नवंबर तक स्थायी प्रतिबंध पर फैसला ले।
प्रदूषण की स्थिति गंभीर
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी रुख किया कि दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बहुत गंभीर हो चुकी है। बीते हफ्ते दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार चला गया था, जो कि बेहद गंभीर प्रदूषण का स्तर है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से भी यह पूछा कि उन्होंने प्रदूषण कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश यह साफ करता है कि प्रदूषण को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाने की जरूरत है। पटाखों पर प्रतिबंध केवल एक शुरुआत हो सकती है, लेकिन इसे गंभीरता से लागू किया जाना चाहिए। दिल्ली पुलिस और सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह के प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई हो।