Edited By rajesh kumar,Updated: 31 Dec, 2024 08:27 PM
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने धार्मिक समिति द्वारा मंदिरों और अन्य धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने के आदेश को लेकर अपनी चिंता जताई। आतिशी ने पत्र में कहा कि इन धार्मिक स्थलों को...
नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने धार्मिक समिति द्वारा मंदिरों और अन्य धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने के आदेश को लेकर अपनी चिंता जताई। आतिशी ने पत्र में कहा कि इन धार्मिक स्थलों को गिराने से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं।
आतिशी ने पत्र में बताया कि 22 नवंबर 2024 को धार्मिक समिति की एक बैठक में कई धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने कहा कि पहले यह आदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री के माध्यम से एलजी तक पहुंचता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया बदली है और इस बार आदेश सीधे उपराज्यपाल के कार्यालय से आया है।
किसी भी मंदिर या पूजा स्थल को ध्वस्त न करें
आतिशी ने पत्र में कहा, "आपके कार्यालय के पिछले साल जारी एक आदेश में कहा गया था कि धार्मिक संरचनाओं का विध्वंस सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामला है और इसे उपराज्यपाल के दायरे में रखा गया है। अब ये निर्णय आपके द्वारा लिया जा रहा है। ऐसे में इन धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने से संबंधित समुदायों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।" उन्होंने इस मुद्दे पर एलजी से निवेदन किया कि किसी भी मंदिर या पूजा स्थल को ध्वस्त न किया जाए।
आतिशी ने इन धार्मिक संरचनाओं का उल्लेख किया
आतिशी ने पत्र में कुछ विशेष धार्मिक संरचनाओं का भी उल्लेख किया है, जिनका विध्वंस किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- वेस्ट पटेल नगर स्थित मंदिर,
- दिलशाद गार्डन का मंदिर,
- सुंदर नगरी में स्थित एक मूर्ति,
- सीमा पुरी का मंदिर,
- गोकल पुरी का मंदिर,
- न्यू उस्मानपुर एमसीडी फ्लैट्स के बगल में स्थित मंदिर।
एलजी वीके सक्सेना का जवाब
इस पत्र का जवाब देते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आतिशी पर आरोप लगाया कि वह लोगों का ध्यान मुद्दों से भटकाने के लिए घटिया राजनीति कर रही हैं। एलजी सचिवालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि न तो कोई मंदिर, मस्जिद, चर्च या कोई अन्य पूजा स्थल तोड़ा जा रहा है, न ही इस विषय में कोई फाइल उपराज्यपाल के पास आई है। साथ ही, एलजी ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस को अतिरिक्त निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई भी उपद्रवी तत्व राजनीतिक लाभ के लिए जानबूझकर धार्मिक स्थलों या महापुरुषों की मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ न कर सके।