सैनिकों से छीन जाएंगे उनके घर! अगर इतने दिनों तक नहीं करवाई रजिस्ट्री

Edited By Parminder Kaur,Updated: 22 Oct, 2024 02:55 PM

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नोएडा के सेक्टर-21 और 25 में रहने वाले नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक गंभीर खबर आई है। इन क्षेत्रों में करीब 1850 फ्लैट ऐसे हैं, जिनकी रजिस्ट्री अब तक नहीं हो पाई है। अगर समय पर रजिस्ट्री नहीं कराई गई, तो ये फ्लैट इन लोगों...

नेशनल डेस्क. नोएडा के सेक्टर-21 और 25 में रहने वाले नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक गंभीर खबर आई है। इन क्षेत्रों में करीब 1850 फ्लैट ऐसे हैं, जिनकी रजिस्ट्री अब तक नहीं हो पाई है। अगर समय पर रजिस्ट्री नहीं कराई गई, तो ये फ्लैट इन लोगों से छिन सकते हैं। नोएडा प्राधिकरण ने इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री कराने के लिए केवल 30 दिन का समय दिया है।

1980 से 1993 के बीच का मामला

यह मामला 37 साल पुराना है। नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-21 और 25 में जमीन का आवंटन किया था, जिसे एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड को दिया गया था। जमीन की रजिस्ट्री 26 सितंबर 1987 को हुई थी। इसके बाद एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड ने नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवासीय योजना की घोषणा की थी। इस योजना में 2, 3 और 4 बीएचके के 3696 फ्लैट्स का अलॉटमेंट 1980 से 1993 के बीच हुआ था। अब इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री ना होने के कारण इन अधिकारियों को चिंता सता रही है।

अब तक नहीं हुई 1850 फ्लैटों की रजिस्ट्री

नोएडा में अलॉट किए गए 3696 फ्लैटों में से करीब 1850 फ्लैटों की रजिस्ट्री अब तक नहीं हो पाई है। फ्लैट अलॉटमेंट के बाद से लोग इन फ्लैटों में ऐसे ही रह रहे हैं। हाल ही में 9 सितंबर 2024 को हाउसिंग बोर्ड ने नोएडा प्राधिकरण को एक पत्र लिखकर इस समस्या को फिर से उजागर किया है। पत्र में बताया गया है कि आवंटियों का इस तरह से रहना नियमों का उल्लंघन है। इस स्थिति के बाद एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड ने आवंटियों को नोटिस जारी किया है। यदि आवंटियों ने 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्री नहीं कराई, तो फ्लैट को निरस्त कर दिया जाएगा। इसके बाद आवंटियों का उन फ्लैटों पर कोई अधिकार नहीं होगा।
मूल आवंटियों का नहीं है कुछ पता

नोएडा के कई फ्लैटों की स्थिति ये है कि उनके मूल मालिकों का अब कुछ पता नहीं है। कई फ्लैटों को उनके मालिकों ने पावर ऑफ अटार्नी के माध्यम से बेच दिया है, जिसके कारण इन फ्लैटों में अब मूल आवंटियों का निवास नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु विहार सहकारी आवास समिति के चेयरमैन डॉ. अभिजीत कुमार ने प्राधिकरण से अनुरोध किया है कि वर्तमान आवंटियों के नाम पर रजिस्ट्री की अनुमति दी जाए। सभी खरीदार रजिस्ट्री कराने के लिए तैयार हैं, क्योंकि इतने वर्षों के बाद अब मूल आवंटियों तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो गया है।

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