भारत में जापानी निवेश बढ़ाने के लिए नोमुरा का ध्यान, भारत को व्यापार के लिए आकर्षक केंद्र मानते हैं विशेषज्ञ

Edited By rajesh kumar,Updated: 26 Nov, 2024 04:22 PM

nomura focused on increasing japanese investment in india

विलकॉक्स ने यह भी बताया कि भारत, अमेरिका के साथ, पिछले कुछ समय से सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले इक्विटी बाजारों में से एक रहा है। विशेष रूप से पिछले दशक में, भारत ने अपनी स्थिरता के साथ कई एशियाई देशों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे वैश्विक...

नई दिल्ली: ब्रिटिश बैंकर और नोमुरा के थोक प्रभाग के प्रमुख क्रिस्टोफर विलकॉक्स ने हाल ही में भारत में निवेश की संभावनाओं को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिए हैं। उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नीतिगत निरंतरता, देश की आर्थिक मजबूती और घरेलू खपत में वृद्धि के कारण जापानी कंपनियों का भारत में निवेश बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के लिए जापानी निवेश में लगातार वृद्धि हो रही है, क्योंकि भारत में व्यापार करने का माहौल अब पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और आकर्षक हो गया है।

वैश्विक कंपनियों का रुझान भारत की ओर बढ़ा 
विलकॉक्स ने यह भी बताया कि भारत, अमेरिका के साथ, पिछले कुछ समय से सबसे अच्छे प्रदर्शन करने वाले इक्विटी बाजारों में से एक रहा है। विशेष रूप से पिछले दशक में, भारत ने अपनी स्थिरता के साथ कई एशियाई देशों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे वैश्विक कंपनियों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है। नोमुरा भी भारत को एक महत्वपूर्ण विकास बाजार मानते हुए यहां अपनी पूंजी लगाने की योजना बना रहा है, ताकि वह अपनी इक्विटी पर 8-10 प्रतिशत रिटर्न सुनिश्चित कर सके।

जापान कंपनियों के बीच भारत को लेकर उत्साह बढ़ा
उन्होंने यह भी बताया कि जापान की कंपनियों के बीच भारत को लेकर उत्साह बढ़ा है, और व्यापारियों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत जापान के लिए एक अहम निवेश केंद्र बनेगा। कई प्रमुख जापानी कंपनियां, जैसे दाइची सैंक्यो, एनटीटी डोकोमो, सॉफ्टबैंक, और रिको ने भारत में व्यापार स्थापित किया है, लेकिन कभी-कभी इन कंपनियों को स्थानीय संस्थाओं के साथ संघर्षों का सामना भी करना पड़ा है, जिससे एफडीआई प्रवाह में उतार-चढ़ाव आया है।

जापानी निवेश का हिस्सा पिछले कुछ वर्षों में गिरा
विलकॉक्स के अनुसार, जापानी निवेशकों को अब भारत में अधिक स्थिरता और लाभप्रदता का भरोसा हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जापानी निवेशकों का विश्वास पहले से बढ़ा है, और वे अब भारत को चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया की जगह प्राथमिक निवेश स्थल मानते हैं। हालांकि, विलकॉक्स ने स्वीकार किया कि जापानी निवेश का हिस्सा पिछले कुछ वर्षों में गिरा है, विशेष रूप से शिंजो आबे के युग के बाद, लेकिन उन्होंने इसे एक अस्थायी समस्या माना और यह माना कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का असर भारत पर भी पड़ा है।

आने वाले वर्षों में भारत में निवेश की गति और बढ़ेगी
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में निवेश के लिए उपयुक्त वातावरण है और वैश्विक निवेशक भारतीय इक्विटी बाजारों को एक तरल और स्थिर विकल्प मानते हैं। इसके अलावा, भारत की बैंकिंग प्रणाली और पूंजी बाजार भी मजबूती से बढ़ रहे हैं, जिससे निवेशकों के लिए यह एक सुरक्षित और लाभकारी स्थान बन गया है। विलकॉक्स ने अंत में कहा कि भारत में आने वाले वर्षों में निवेश की गति और बढ़ेगी, और इसके पीछे प्रमुख कारण इसके स्थिर आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धी उद्योग, और उच्चतम गुणवत्ता वाले वित्तीय बाजार हैं।

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