अब सिम कार्ड और मोबाइल नेटवर्क के बिना होगी कॉलिंग ? BSNL ने लॉन्च की नई सर्विस

Edited By Mahima,Updated: 05 Nov, 2024 04:51 PM

now calling will be possible without sim card and mobile network

BSNL ने अपनी नई D2D (Direct-to-Device) सर्विस लॉन्च की है, जो बिना सिम कार्ड और नेटवर्क के सैटेलाइट के जरिए कॉलिंग की सुविधा देती है। यह तकनीक आपातकालीन स्थितियों और दूरदराज इलाकों में उपयोगी होगी। BSNL की इस पहल से भारत सैटेलाइट कनेक्टिविटी में आगे...

नेशनल डेस्क: भारत में टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है। सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने हाल ही में एक नई सर्विस शुरू की है, जिसका नाम है D2D (Direct-to-Device)। इस सर्विस के माध्यम से अब यूजर्स बिना किसी सिम कार्ड या मोबाइल नेटवर्क के, सिर्फ सैटेलाइट के जरिए मोबाइल कॉल कर सकेंगे। यह एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि है जो टेलीकॉम इंडस्ट्री में हलचल मचा सकती है, खासकर जियो (Jio) और एयरटेल (Airtel) जैसे बड़े ऑपरेटरों के लिए।

BSNL की नई 'D2D' सर्विस क्या है?
BSNL की D2D सर्विस एक नई और उन्नत तकनीक है, जो सैटेलाइट के माध्यम से फोन कॉलिंग को संभव बनाती है। इस सेवा के तहत, अब आपको किसी सिम कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी, और न ही नेटवर्क टावर से कनेक्ट होने की आवश्यकता होगी। इसका मतलब है कि यह तकनीक किसी भी जगह, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं भी पहुंच सकता, वहां भी काम करेगी। खासकर प्राकृतिक आपदाओं या अन्य आपातकालीन स्थितियों में, जब नेटवर्क डाउन हो जाते हैं, तो यह सर्विस लोगों को एक-दूसरे से जुड़ा रहने का मौका दे सकती है। BSNL ने इस सर्विस को भारत के मोबाइल कनेक्टिविटी के भविष्य के रूप में देखा है और इसे सैटेलाइट टेक्नोलॉजी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। इसके जरिए कंपनी ने यह साबित करने की कोशिश की है कि सरकारी टेलीकॉम कंपनियां भी तकनीकी दृष्टिकोण से प्रतिस्पर्धा में रह सकती हैं।

D2D सर्विस कैसे काम करती है?
D2D सर्विस का कार्यान्वयन सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के द्वारा होता है। इसे चलाने के लिए एक साधारण एंड्रॉइड स्मार्टफोन की जरूरत होती है, जिसमें सैटेलाइट कनेक्टिविटी का सपोर्ट होता है। BSNL ने इस सेवा के लिए वायसैट (Vaysat) नामक कंपनी के साथ साझेदारी की है, जो सैटेलाइट कनेक्टिविटी प्रदान करती है। इसके द्वारा, यूजर्स अपने स्मार्टफोन से 36,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित किसी अन्य व्यक्ति को कॉल कर सकते हैं। यानी, अब उपभोक्ता बिना सिम के सीधे सैटेलाइट के माध्यम से कनेक्ट हो सकेंगे। यह तकनीक विशेष रूप से उन क्षेत्रों में फायदेमंद साबित हो सकती है, जहां सामान्य नेटवर्क कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं होती, जैसे पहाड़ी इलाकों, समुद्री क्षेत्र, और दुर्गम स्थानों पर। इसके अलावा, यह सेवा आपातकालीन परिस्थितियों में भी लोगों को एक-दूसरे से संपर्क में रखने में मदद करेगी, जब आम नेटवर्क सेवाएं ठप हो जाती हैं।

भारत में सैटेलाइट कनेक्टिविटी का भविष्य
BSNL के अलावा, अन्य टेलीकॉम कंपनियां जैसे जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया भी सैटेलाइट कनेक्टिविटी पर काम कर रही हैं। इसके अलावा, एलन मस्क की स्टारलिंक (Starlink) और अमेज़न भी भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इन कंपनियों के भारत में आ जाने से सैटेलाइट कनेक्टिविटी में और भी तेजी आ सकती है और यह देश के दूरदराज क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को और बेहतर बना सकता है। इसके अलावा, भारत सरकार भी इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है और सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए जरूरी स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रयासरत है। एक बार जब यह स्पेक्ट्रम आवंटित हो जाएगा, तो कंपनियां अपनी सैटेलाइट सर्विसेज को शुरू कर सकेंगी और इसका फायदा आम जनता को मिलेगा।

टेलीकॉम इंडस्ट्री में 'गेम-चेंजर' साबित हो सकती है D2D सर्विस
BSNL की D2D सर्विस टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है। इस सेवा से न केवल भारत में टेलीकॉम कनेक्टिविटी का स्तर ऊंचा हो सकता है, बल्कि यह सैटेलाइट टेक्नोलॉजी में भारत को एक वैश्विक नेता बनने की दिशा में भी कदम बढ़ा सकता है। इसके अलावा, यह तकनीक प्राकृतिक आपदाओं और अन्य आपातकालीन स्थितियों में जीवन रक्षक साबित हो सकती है। जहां एक ओर जियो और एयरटेल जैसे निजी ऑपरेटर अपनी नेटवर्क सेवाओं को बढ़ा रहे हैं, वहीं BSNL ने अपनी नई पहल से यह साबित कर दिया है कि सरकारी कंपनियां भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी हो सकती हैं।

BSNL की D2D सर्विस भारतीय टेलीकॉम उद्योग में एक नई उम्मीद लेकर आई है। यह न केवल मोबाइल कनेक्टिविटी में सुधार लाने का वादा करती है, बल्कि देश में सैटेलाइट कनेक्टिविटी की दिशा में भी एक नया अध्याय खोलने की ओर इशारा करती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि निजी कंपनियां इस नए चुनौती का कैसे मुकाबला करती हैं और क्या भविष्य में इस तकनीक का और भी विस्तार होगा। BSNL ने यह साबित कर दिया है कि तकनीकी दृष्टि से सरकार की टेलीकॉम कंपनियां भी कदम से कदम मिलाकर चल सकती हैं और नए क्षेत्रों में नवाचार कर सकती हैं।

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