Edited By Radhika,Updated: 15 Feb, 2025 11:47 AM
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एमपी में 1 अप्रैल 2025 से शराब बेचने वाले रुल्स में बदलाव होने वाले हैं। अब मंदिरों के पास बिना POS मशीन के शराब नहीं मिलेगी। इसके अलावा धार्मिक स्थलों के पास शराब की दुकानें बंद होंगी। इन दुकानों को शिफ्ट किया जाएगा, इससे शराब के दामों में बढ़ोतरी...
नेशनल डेस्क: एमपी में 1 अप्रैल 2025 से शराब बेचने वाले रुल्स में बदलाव होने वाले हैं। अब मंदिरों के पास बिना POS मशीन के शराब नहीं मिलेगी। इसके अलावा धार्मिक स्थलों के पास शराब की दुकानें बंद होंगी। इन दुकानों को शिफ्ट किया जाएगा, इससे शराब के दामों में बढ़ोतरी होगी। बंद दुकानों की भरपाई सरकार नए टैक्स से करेगी। इसके अलावा बार और रेस्टोरेंट में भी शराब परोसने के लिए ज़्यादा पैसे देने होंगे। जानते हैं कि इस नई नीति के आने से राज्य में क्या असर होगा।
इस दिन लागू होगी नई नीति-
एमपी सरकार 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति 2025 लागू करने वाली है। इस नई नीति के तहत राज्य के 19 धार्मिक शहरों और गांवों में शराब की दुकानें बंद कर दी जाएंगी। सरकार द्वारा यह फैसला धार्मिक भावनाओं के सम्मान और सामाजिक हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस फैसले के बाद राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए बाकी शराब दुकानों की कीमतें 25% तक बढ़ाई जा सकती हैं।
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इस वजह से लिया गया फैसला-
वहीं सरकार ने शराब की दुकानों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए POS मशीनें लगवाने का फैसला किया है। इससे हर दुकान की सेल का डिटिजल रिकॉर्ड रखा जाएगा। बिना POS मशीन के शराब सेल करने पर दुकान चालक को फाइन देना होगा। नई नीति से सरकार को उम्मीद है कि इससे टैक्स चोरी पर रोक लगेगी और शराब बिक्री की सही जानकारी मिल सकेगी।
ठेकेदारों के लिए लाइसेंस नियमों में बदलाव-
नई आबकारी नीति के तहत ठेकेदारों के लिए लाइसेंस नियमों में बदलाव किया गया है। अब ठेकेदारों को एक ई-बैंक गारंटी जमा करनी होगी, जो 30 अप्रैल 2026 तक वैध रहेगी। यह गारंटी किसी अन्य काम के लिए इस्तेमाल नहीं की जा सकेगी। वहीं, धार्मिक शहरों और गांवों में शराब की दुकानें बंद होने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने एक तरीका तैयार किया है। इसके तहत, बंद होने वाली दुकानों के वार्षिक मूल्य का 25% बाकी दुकानों की कीमतों में जोड़ दिया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी दुकान का वार्षिक मूल्य 10 करोड़ रुपये था, तो नई नीति के बाद उसकी कीमत 14.50 करोड़ रुपये हो सकती है।
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नई आबकारी नीति के अनुसार, 13 नगर निगमों और 6 ग्राम पंचायतों में शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी। इन जगहों पर कोई भी बार या वाइन आउटलेट का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा, और न ही इन दुकानों को कहीं और शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा, कमर्शियल आयोजनों के लिए शराब बिक्री का लाइसेंस भी जारी किया जाएगा। इस लाइसेंस की फीस आयोजनों में शामिल लोगों की संख्या पर निर्भर करेगी, जैसे कि 500 लोगों के लिए 25 हजार रुपये से लेकर 5000 से ज्यादा लोगों के लिए 2 लाख रुपये तक होगी। सरकार का मानना है कि इस नई नीति से शराब की बिक्री पर नियंत्रण रखा जा सकेगा और राज्य में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था लागू होगी।