Edited By vasudha,Updated: 24 Oct, 2020 01:00 PM
धरती का बैकुंठ कहे जाने वाले जगन्नाथ पुरी मंदिर के दरवाजे अब लकड़ी की जगह चांदी के होंगे। गर्भगृह के मुख्य द्वार पर चांदी की कीमती परत चढ़ाई जायेगी इसके लिए एक भक्त ने 2500 किलोग्राम चांदी दान की है। मंदिर प्रशासन ने दरवाजे के डिजाइन और अन्य...
नेशनल डेस्क: धरती का बैकुंठ कहे जाने वाले जगन्नाथ पुरी मंदिर के दरवाजे अब लकड़ी की जगह चांदी के होंगे। गर्भगृह के मुख्य द्वार पर चांदी की कीमती परत चढ़ाई जायेगी इसके लिए एक भक्त ने 2500 किलोग्राम चांदी दान की है। मंदिर प्रशासन ने दरवाजे के डिजाइन और अन्य तौर-तरीकों को मंजूरी देने के लिए 17-सदस्यीय समिति गठित की है।
चांदी की चादरों से सुसज्जित होंगे दरवाजे
मंदिर के प्रशासक अजय जेना ने बताया कि कालाहट द्वार, जया-विजय द्वार, बहराणा द्वार, सतपहाच द्वार, पश्चिम भोग मंडप द्वार, नरसिंह मंदिर द्वार, बिमला मंदिर द्वार और महालक्ष्मी मंदिर द्वार के द्वार चांदी की चादरों से सुसज्जित होंगे। वर्तमान में जिन दरवाजों का इस्तेमाल हो रहा है उसे हचटा दिया जायेगा और मलेशिया से आयातित बर्मा टीकवुड से बनाया जायेगा। भक्त दरवाजे के लिए जरूरी लकड़ी का भी दान कर रहे हैं।
काफी पुराने हो चुके हैं मंदिर के दरवाजे
अजय ने बताया कि मंदिर के दरवाजे काफी पुराने हो जाने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। बता दें कि जगन्नाथ मंदिर उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में स्थित वैष्णव सम्प्रदाय का प्रमुख स्थल है। इस मंदिर को हिन्दूओं के चारों धाम में से एक माना जाता है। यह मंदिर वैष्णव परंपराओं तथा संत रामानंद से सम्बन्धित है। इस स्थान को नीलगिरी, नीलांचल और शाकक्षेत्र भी कहा जाता है। पुराणों में कहा गया है कि श्रीकृष्ण ने पुरी में अनेक लीलाएं की थीं और नीलमाधव के रूप में अवतरित हुए थे।