Edited By rajesh kumar,Updated: 26 Aug, 2024 03:28 PM
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक नया मूल्यांकन मॉडल पेश किया है। इस मॉडल में कक्षा 9 से 11 तक के अंकों को भी अंतिम परिणाम में शामिल किया जाएगा।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक नया मूल्यांकन मॉडल पेश किया है। इस मॉडल में कक्षा 9 से 11 तक के अंकों को भी अंतिम परिणाम में शामिल किया जाएगा।
इस नए प्रस्ताव के अनुसार, कक्षा 9 के अंकों का 15 प्रतिशत, कक्षा 10 के अंकों का 20 प्रतिशत और कक्षा 11 के अंकों का 25 प्रतिशत कक्षा 12 के बोर्ड परीक्षा परिणामों में जोड़ा जाएगा। बाकी 40 प्रतिशत अंक कक्षा 12 के प्रदर्शन पर आधारित होंगे। इसके अलावा, इस मॉडल में व्यावसायिक और कौशल-आधारित प्रशिक्षण पर भी अधिक जोर दिया गया है। एनसीईआरटी द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट "शिक्षा बोर्डों में समानता स्थापित करना" शीर्षक से आई है, जिसे जुलाई 2024 में शिक्षा मंत्रालय को प्रस्तुत किया गया था। रिपोर्ट का उद्देश्य सभी शैक्षिक बोर्डों में एक समान मूल्यांकन प्रणाली लागू करना है।
रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को विभिन्न विषयों में क्रेडिट अर्जित करने होंगे, जो उनके अंतिम परिणाम में जोड़े जाएंगे। यह नया मूल्यांकन मॉडल न केवल शैक्षिक प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करेगा, बल्कि छात्रों को कौशल-आधारित शिक्षा के लिए भी प्रोत्साहित करेगा। इसमें डेटा प्रबंधन, कोडिंग, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, संगीत, कला और शिल्प जैसे विषयों को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव है।
रिपोर्ट में स्कूलों के बुनियादी ढांचे और शिक्षकों के प्रदर्शन में सुधार पर भी जोर दिया गया है। इसमें पीने के पानी की सुविधा, पुस्तकालय, खेल सुविधाएं और अनुकूल शिक्षण वातावरण सुनिश्चित करने की सिफारिश की गई है। इस नए मॉडल का उद्देश्य छात्रों की समग्र शिक्षा को बढ़ावा देना है, जिससे उन्हें केवल अकादमिक ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक और व्यक्तिगत विकास के अवसर भी मिल सकें।