Edited By Yaspal,Updated: 23 Aug, 2024 06:42 PM
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने सभी संस्थानों से कहा है कि वे दीक्षांत समारोहों के लिए उस राज्य की परंपराओं के आधार पर एक उपयुक्त भारतीय परिधान नियम तैयार करें जहां वे स्थित हैं।
नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने सभी संस्थानों से कहा है कि वे दीक्षांत समारोहों के लिए उस राज्य की परंपराओं के आधार पर एक उपयुक्त भारतीय परिधान नियम तैयार करें जहां वे स्थित हैं। मंत्रालय ने कहा कि काले रंग की पोशाक और टोपी पहनने की वर्तमान प्रथा एक ‘‘औपनिवेशिक विरासत'' है, जिसे बदले जाने की जरूरत है।
मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में मंत्रालय के विभिन्न संस्थानों द्वारा दीक्षांत समारोह के दौरान काले रंग की पोशाक और टोपी का उपयोग किया जा रहा है। उसने कहा कि इस पोशाक की उत्पत्ति यूरोप में मध्य युग में हुई थी और अंग्रेजों ने इसे अपने सभी उपनिवेशों में पेश किया था। पत्र में कहा गया है कि "उपर्युक्त परंपरा एक औपनिवेशिक विरासत है जिसे बदलने की आवश्यकता है।''
पत्र में कहा गया है कि "तदनुसार मंत्रालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने में संलग्न एम्स/आईएनआई समेत मंत्रालय के विभिन्न संस्थान अपने संस्थानों के दीक्षांत समारोह के लिए एक उपयुक्त भारतीय परिधान नियम तैयार करेंगे - जो उस राज्य की स्थानीय परंपराओं पर आधारित होगा जिसमें संस्थान स्थित है।" मंत्रालय ने उनसे इस संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा अनुमोदित किया जायेगा।