Edited By Rohini Oberoi,Updated: 30 Mar, 2025 12:17 PM

भारत में बढ़ती गर्मी और हीट वेव से निपटने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लिया जाएगा। IIT कानपुर एक ऐसा मॉडल तैयार कर रहा है जो शहर के विभिन्न हिस्सों में तापमान की सटीक जानकारी और भविष्यवाणी करेगा। इस मॉडल के माध्यम से सरकार को यह...
नेशनल डेस्क। भारत में बढ़ती गर्मी और हीट वेव से निपटने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लिया जाएगा। IIT कानपुर एक ऐसा मॉडल तैयार कर रहा है जो शहर के विभिन्न हिस्सों में तापमान की सटीक जानकारी और भविष्यवाणी करेगा। इस मॉडल के माध्यम से सरकार को यह जानकारी मिलेगी कि शहर के कौन से इलाके ज्यादा गर्म हैं ताकि वहां पर आवश्यक सेवाओं जैसे पानी, बिजली और छायादार स्थानों की बेहतर व्यवस्था की जा सके।
IIT कानपुर के प्रोफेसर एसएन त्रिपाठी ने बताया कि अब तक तापमान मापने के लिए शहर के कुछ निश्चित स्थानों पर यंत्र लगाए जाते थे जिससे पूरे शहर का तापमान समान बताया जाता था। हालांकि शहर के विभिन्न हिस्सों में तापमान में 5 से 8 डिग्री सेल्सियस का अंतर हो सकता है। उदाहरण के लिए अगर शहर का तापमान 44 डिग्री बताया जा रहा है तो कुछ स्थानों पर यह 49 या 51 डिग्री तक हो सकता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए अब माइक्रो लेवल पर सेंसर लगाए जा रहे हैं जो अधिक सटीक डेटा प्रदान करेंगे।
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इस डेटा का इस्तेमाल करके गर्मी से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी सेवाएं मुहैया कराई जा सकेंगी। इसके अलावा AI मॉडल में यह सुझाव भी होगा कि किस क्षेत्र में पौधरोपण, ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार या औद्योगिक क्षेत्रों में किस प्रकार के उपाय किए जा सकते हैं। इस मॉडल को एक साल के अंदर लागू करने की योजना है और यह देशभर में अलग-अलग शहरों में लागू किया जाएगा।
हीट वॉच 2024 के अनुसार पिछले साल गर्मी से 733 मौतें हुईं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ वर्षों में गर्मी और हीट वेव एक बड़ी चुनौती बन सकती है। यदि इस AI मॉडल का सही तरीके से इस्तेमाल किया गया तो गर्मी से होने वाली मौतों में कमी लाई जा सकती है जिससे यह आंकड़ा कम किया जा सकेगा।