Edited By Radhika,Updated: 24 Feb, 2025 11:44 AM
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सूचना और प्रसारण मंत्रालय डिजिटल प्लेटफार्मों पर अश्लीलता और हिंसा की बढ़ती चिंताओं को लेकर नए कानून पर विचार कर रहा है। यह कदम डिजिटल सामग्री के विनियमन के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने की दिशा में है। मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफार्मों को आचार संहिता...
नेशनल डेस्क: I & B ministry ने डिजिटल प्लेटफार्मों पर बढ़ती अश्लीलता और हिंसा की चिंताओं को लेकर एक नया कानूनी ढांचा तैयार करने पर विचार करना शुरू किया है। मिनिस्टरी का कहना है कि freedom of expression का गलत उपयोग कर डिजिटल प्लेटफार्मों पर आपत्तिजनक सामग्री दिखाई जा रही है, जिससे समाज में चिंता बढ़ रही है। यह कदम भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति को दिए गए जवाब के बाद उठाया गया।
मंत्रालय ने हाल ही में सोशल मीडिया पर विवादों के बाद इस पर विचार शुरू किया। इनमें सोशल मीडिया प्रभावशाली रणवीर अल्लाहबादिया की विवादास्पद टिप्पणियां शामिल हैं। इस घटना की निंदा की गई थी और एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था। हालांकि रणवीर ने माफी मांगी थी और सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से सुरक्षा प्राप्त की थी।
पारंपरिक मीडिया के विपरीत, OTT प्लेटफार्मों और यूट्यूब जैसी नई मीडिया सेवाओं पर कोई स्पष्ट regulatory framework नहीं है, जिसके कारण legislative reform की आवश्यकता महसूस हो रही है। मंत्रालय ने ऑनलाइन सामग्री प्रकाशकों को सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत आचार संहिता का पालन करने की सलाह दी है, जिसमें उम्र-आधारित वर्गीकरण और वयस्क सामग्री पर नियंत्रण लागू करने की आवश्यकता है।
यह कदम उच्च न्यायालयों, सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय महिला आयोग की चिंताओं के मद्देनजर लिया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि वह इस मामले पर गहन विचार-विमर्श के बाद एक विस्तृत प्रस्ताव पेश करेगा, जिसका उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदार सामग्री निर्माण को संतुलित करना है।