Edited By Parminder Kaur,Updated: 27 Aug, 2024 04:07 PM
दुनिया की दो बड़ी शराब बनाने वाली कंपनियां Diageo और Pernod Ricard व्हिस्की बनाने के लिए अब नए-नए अनाजों का प्रयोग कर रही हैं, जिसमें बाजरा, चना और मक्का शामिल हैं। यह कदम भारत में स्थानीय अनाजों के साथ नवाचार की उनकी व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
नेशनल डेस्क. दुनिया की दो बड़ी शराब बनाने वाली कंपनियां Diageo और Pernod Ricard व्हिस्की बनाने के लिए अब नए-नए अनाजों का प्रयोग कर रही हैं, जिसमें बाजरा, चना और मक्का शामिल हैं। यह कदम भारत में स्थानीय अनाजों के साथ नवाचार की उनकी व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
Diageo इंडिया की मुख्य विपणन अधिकारी रुचिरा जैन्तली ने कहा- "भारत एक समृद्ध राष्ट्र बनने की राह पर है, अपने स्वयं के जड़ों की खोज कर रहा है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या अच्छा है, न कि सिर्फ वैश्विक रुझानों की नकल करना। इसलिए हम बाजरा, चावल और अन्य अनाजों के साथ नवाचार कर रहे हैं। अमेरिका का बोरबोन के साथ और कनाडा का राई के साथ अपना समय था। यह वास्तव में भारतीयता के उस अद्वितीय मिश्रण को खोजने के बारे में है और हम अपने प्रक्रिया में बहुत सारे नवाचार करते हैं, क्योंकि हमारे पास विभिन्न तापमान, विभिन्न परिपक्वता और देशभर में विभिन्न जलवायु क्षेत्र हैं।"
इतिहास में स्कॉटलैंड और आयरलैंड के डिस्टिलर मुख्य रूप से जौ का उपयोग करते हैं, जबकि कनाडा और अमेरिका मक्का, राई और गेहूं का उपयोग करते हैं। भारत के पास कोई ऐसा प्रमुख वैश्विक स्वदेशी शराब नहीं है, जैसा कि चीन में बाईजियू या जापान में राइस वाइन साके है। भारतीय बाजार मुख्य रूप से यूरोपीय स्पिरिट्स के स्थानीय रूप से निर्मित और अनुकूलित संस्करणों से भरा हुआ है, जिन्हें भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) कहा जाता है, जबकि लगभग हर राज्य की अपनी खुद की डिस्टिल्ड स्पिरिट की वेरिएंट है।
कंपनियों ने कहा कि उनका नवाचार सिर्फ उत्पाद तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि स्थिरता भी उनके वैकल्पिक अनाज की रणनीति को बढ़ावा देगी।