Edited By Mahima,Updated: 06 Nov, 2024 09:56 AM
भारत सरकार ने एक नई नीति लागू की है, जिसके तहत हवाई यात्रियों को 3,000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद ही विमान में वाई-फाई इंटरनेट सेवा का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलेगी। इस नियम के तहत, कैप्टन के पास वाई-फाई को चालू या बंद करने का अधिकार होगा। यह...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने हवाई यात्रियों के लिए एक नई घोषणा की है। अब हवाई जहाज में यात्रा करते समय यात्रियों को विमान के 3,000 मीटर (लगभग 10,000 फीट) की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद इंटरनेट का इस्तेमाल करने की अनुमति मिलेगी। इस संबंध में केंद्र सरकार ने उड़ान और समुद्री संपर्क (संशोधन) अधिनियम के तहत एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत यह नियम सभी उड़ानों पर लागू होगा।
नए नियमों के तहत हवाई यात्रा में सुविधा
इससे पहले 2018 में सरकार ने यह नियम लागू किया था कि विमान में मोबाइल कम्युनिकेशन सर्विस तभी शुरू की जा सकती है जब विमान 3,000 मीटर (लगभग 10,000 फीट) की न्यूनतम ऊंचाई तक पहुंच जाए। अब सरकार ने नए नियमों में बदलाव करते हुए यह स्पष्ट किया है कि इस ऊंचाई पर पहुंचने के बाद वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट सेवा तब ही शुरू की जाएगी जब विमान में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करने की अनुमति होगी। इसका मतलब यह है कि 3,000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद भी, इंटरनेट सेवाएं तभी उपलब्ध कराई जाएंगी जब यात्रियों को अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इस्तेमाल करने की अनुमति मिल जाएगी।
कैप्टन के पास होगा वाई-फाई ऑन या ऑफ करने का अधिकार
नई नीति के तहत, विमान के **कैप्टन** के पास यह अधिकार होगा कि वह उड़ान के दौरान वाई-फाई को चालू या बंद करें। वाई-फाई तब चालू किया जाएगा जब विमान स्थिर गति (स्टेबल स्पीड) पर होगा, यानी विमान हवा में ठीक से उड़ रहा होगा। वहीं, टेक-ऑफ या लैंडिंग के दौरान वाई-फाई बंद रहेगा। यह कदम विमान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान किसी भी तरह की तकनीकी समस्या से बचा जा सके।
उड़ान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल
नई नीति के तहत, अब यात्री हवाई जहाज में उड़ान के दौरान अपने स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल कर सकेंगे, लेकिन यह केवल तभी संभव होगा जब विमान 3,000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाएगा। इससे पहले, विमान में इन उपकरणों का इस्तेमाल करने पर रोक थी, खासकर टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय। अब यात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल करने में कोई समस्या नहीं होगी, बशर्ते विमान ने सुरक्षित ऊंचाई हासिल कर ली हो।
वाई-फाई सर्विस का फायदा
इस नए नियम के लागू होने से यात्रियों को लंबी उड़ानों के दौरान इंटरनेट की सुविधा का लाभ मिलेगा। विशेष रूप से बिजनेस ट्रिप्स पर जाने वाले लोग, जो उड़ान के दौरान अपने काम को जारी रखना चाहते हैं, उनके लिए यह एक बड़ी राहत होगी। इसके अलावा, यह उन यात्रियों के लिए भी फायदेमंद होगा जो उड़ान के दौरान सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना चाहते हैं या फिल्में और शोज देखना पसंद करते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से लंबी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में यात्रियों को अधिक आकर्षित करेगी, जहां वे पूरे समय इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, यह सुविधा विमान कंपनियों पर निर्भर करेगी कि वे कितनी जल्दी अपने विमानों में वाई-फाई सेवाएं शुरू करती हैं।
क्या यह नियम सभी उड़ानों पर लागू होगा?
यह नियम अब भारतीय हवाई क्षेत्र में चलने वाली सभी उड़ानों पर लागू होगा, चाहे वह घरेलू उड़ान हो या अंतरराष्ट्रीय। हालांकि, यह ध्यान में रखना जरूरी है कि कुछ विमान कंपनियों ने पहले ही अपने विमानों में इन-फ्लाइट वाई-फाई सेवाएं शुरू कर दी हैं, जबकि अन्य को यह सुविधा अब शुरू करनी होगी। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में सभी प्रमुख विमान कंपनियों द्वारा वाई-फाई की सुविधा यात्रियों को उपलब्ध कराई जाएगी। भारत सरकार के इस नए कदम से हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक नई सुविधा शुरू हो गई है। अब यात्री विमान में यात्रा के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिससे उनकी यात्रा और भी आरामदायक और सुविधाजनक बनेगी। हालांकि, यह सुविधा केवल तब ही उपलब्ध होगी जब विमान 3,000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाएगा और विमान की स्थिर गति पर होगा। यह कदम यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के साथ-साथ विमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी था।