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अब सस्ते में मिलेगा अमेरिकी व्हिस्की का स्वाद, एक साथ 50% से ज्यादा घटे दाम

Edited By Pardeep,Updated: 14 Feb, 2025 11:40 PM

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भारत ने बॉर्बन व्हिस्की पर आयात शुल्क को घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है, जो अमेरिकी व्हिस्की पर लागू होने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत शुरू करने की योजना के तहत लिया गया है।

नेशनल डेस्कः भारत ने बॉर्बन व्हिस्की पर आयात शुल्क को घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है, जो अमेरिकी व्हिस्की पर लागू होने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत शुरू करने की योजना के तहत लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 13 फरवरी को होने वाली वार्ता से ठीक पहले यह निर्णय लिया गया था, जो दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।

इस निर्णय के बाद, अमेरिका से आने वाली बॉर्बन व्हिस्की पर 150 प्रतिशत के मुकाबले अब 50 प्रतिशत सीमा शुल्क लगेगा। हालांकि, अन्य प्रकार की शराबों के आयात पर मूल सीमा शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है, और उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। बॉर्बन व्हिस्की का आयात भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अमेरिका से आने वाली शराब का एक बड़ा हिस्सा है। आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2023-24 में बॉर्बन व्हिस्की का 25 लाख डॉलर मूल्य का आयात किया था।

बॉर्बन व्हिस्की एक प्रमुख अमेरिकी शराब है, जिसे मुख्य रूप से मक्का (कॉर्न) से बनाया जाता है और यह अपने मीठे, स्मोकी और वनीला जैसे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। यह व्हिस्की कम से कम 51 प्रतिशत मक्का से बनती है और इसे चार्ड ओक बैरल्स (जले हुए लकड़ी के पीपे) में परिपक्व किया जाता है, जिससे इसका विशेष रंग और स्वाद विकसित होता है। बॉर्बन व्हिस्की को विशेष रूप से अमेरिका की पारंपरिक व्हिस्की माना जाता है और इसका स्वाद ऐसा होता है जो व्हिस्की प्रेमियों को काफी पसंद आता है।

भारत के लिए, अमेरिका बॉर्बन व्हिस्की का सबसे प्रमुख निर्यातक है और भारत में आयात की जाने वाली बॉर्बन का लगभग एक-चौथाई हिस्सा अमेरिका से आता है। इस कदम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना है। दोनों देशों ने 2030 तक अपने व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य तय किया है, जिससे यह निर्णय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

इस फैसले से भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में और भी मजबूती आ सकती है, खासकर जब दोनों देश व्यापारिक और निवेश क्षेत्र में अपनी साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। बॉर्बन व्हिस्की के आयात पर सीमा शुल्क में कमी से भारतीय उपभोक्ताओं के लिए यह शराब अधिक सुलभ और किफायती हो सकती है, जिससे बाजार में इसकी मांग भी बढ़ सकती है।

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