SC ने अपनाया कड़ा रुख – अब सोशल मीडिया पर नहीं पोस्ट सकेंगे अश्लील कंटेंट

Edited By Radhika,Updated: 22 Feb, 2025 05:26 PM

now you will not be able to post obscene content on social media

Supreme Court ने रणवीर इलाहाबदिया केस के बाद अश्लील कंटेंट को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। केंद्र सरकार सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लाने की तैयारी में है। यह कोड 5 से 50 लाख वाले फॉलोअर्स वाले इंफ्लूएंसर्स को फॉलो करना होगा। इसके साथ ही...

नेशनल डेस्क : Supreme Court ने रणवीर इलाहाबदिया केस के बाद अश्लील कंटेंट को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। केंद्र सरकार सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए कोड ऑफ कंडक्ट लाने की तैयारी में है। यह कोड 5 से 50 लाख वाले फॉलोअर्स वाले इंफ्लूएंसर्स को फॉलो करना होगा। इसके साथ ही इंफ्लूएंसर्स को कंटेंट की रेटिंग भी देना ज़रुरी होगी।

सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ओटीटी कंटेंट को लेकर कई कदम उठा रही है। बच्चों को अश्लील और अनुचित कंटेंट से बचाने के लिए एक नया नियम बनाने पर काम हो रहा है। इसके अलावा, ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए स्व-नियामक निकायों की सलाह (एडवाइजरी) तैयार की जा रही है और डिजिटली इंडिया विधेयक का मसौदा भी तैयार किया जा रहा है।

इससे संबंधित, सरकार सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए "कोड ऑफ कंडक्ट" लाने की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इंफ्लूएंसर्स अपने कंटेंट में भद्देपन, अश्लीलता और अभद्र भाषा से बचें। इसके लिए कंटेंट की रेटिंग सिस्टम भी बनाई जा सकती है, जिसमें 1 से 5 तक रेटिंग दी जाएगी।

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कोड ऑफ कंडक्ट के तहत क्या होगा?

सूचना और प्रसारण मंत्रालय जल्द ही सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए कोड ऑफ कंडक्ट जारी करेगा। इसमें इंफ्लूएंसर्स को कंटेंट रेटिंग के साथ-साथ डिस्क्लेमर भी देना होगा, जैसा कि फिल्मों में नशीली वस्तुएं या हिंसक दृश्य दिखाए जाते हैं। इस कोड में अश्लीलता, फूहड़ता और भद्देपन के लिए खास दिशानिर्देश होंगे। जो इंफ्लूएंसर्स 5 लाख से 50 लाख तक फॉलोअर्स वाले होंगे उनके लिए कोई माफी नहीं होगी। अगर इनकी पोस्ट में शिकायतें आती हैं, तो पुलिस या प्रशासन तुरंत कदम उठाएगा। उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई, जुर्माना और सजा का प्रावधान होगा।

नाबालिगों की सुरक्षा

सोशल मीडिया पर अश्लीलता और भद्दे कंटेंट से नाबालिगों को बचाने के लिए सरकार ने नए नियम लागू किए हैं। 3 जनवरी को, IT मंत्रालय ने एक मसौदा जारी किया था, जिसमें सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए बच्चों को पैरेंट्स की अनुमति जरूरी होगी। यह नियम डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून-2023 के तहत तैयार किए गए हैं और जल्द ही इन्हें लागू किया जाएगा।

डिजिटल इंडिया विधेयक पर काम

इसके साथ ही, केंद्र सरकार मौजूदा IT एक्ट की जगह डिजिटल इंडिया विधेयक लाने की दिशा में काम कर रही है, जिसमें यू-ट्यूबर, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया यूजर्स को रेगुलेट किया जाएगा। सरकार पिछले 15 महीनों से इस विधेयक पर काम कर रही है और विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गवर्नेंस पर भी ध्यान दिया जाएगा।

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