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महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या ने तोड़े रिकॉर्ड, 65 करोड़ भक्त पहुंचे...3 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति

Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Feb, 2025 01:32 PM

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महाकुंभ 2025 में अब तक 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं और इस धार्मिक मेले ने यूपी की अर्थव्यवस्था में भारी योगदान दिया है। महाकुंभ के प्रमुख स्नान दिनों पर लाखों लोग संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने पहुंचे, जिनमें से एक दिन में 8 करोड़...

नेशनल डेस्क: महाकुंभ 2025 में अब तक 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं और इस धार्मिक मेले ने यूपी की अर्थव्यवस्था में भारी योगदान दिया है। महाकुंभ के प्रमुख स्नान दिनों पर लाखों लोग संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने पहुंचे, जिनमें से एक दिन में 8 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन हुआ।

महाशिवरात्रि के दिन 81 लाख श्रद्धालु पहुंचे संगम
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन (जो महाकुंभ का आखिरी दिन था), रात 2 बजे तक 11.66 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। अगले दो घंटों में ये संख्या बढ़कर 25.64 लाख और सुबह 6 बजे तक 41.11 लाख हो गई। सुबह 10 बजे तक कुल 81.09 लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे।

महाकुंभ का यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह यूपी की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा आर्थिक ड्राइवर साबित हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा था कि महाकुंभ यूपी की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाएगा।

महाकुंभ 2025 की चौंकाने वाली संख्या
महाकुंभ में 65 करोड़ श्रद्धालु जुटे हैं, जो किसी भी अन्य धार्मिक आयोजन की तुलना में सर्वाधिक हैं। महाशिवरात्रि का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन की याद में मनाया जाता है। महाकुंभ के दौरान प्रमुख स्नान दिनों पर जैसे माघी संक्रांति (14 जनवरी) को 3.5 करोड़, मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा पर क्रमशः 2 करोड़ और 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन हुआ। यूपी सरकार ने अनुमान जताया था कि 45 दिनों में 45 करोड़ श्रद्धालु आएंगे, जो आंकड़ा महाकुंभ ने दो सप्ताह पहले ही पार कर दिया।

3 लाख करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति
महाकुंभ के आयोजन में सरकार ने 7,500 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि मुख्यमंत्री योगी ने 3 लाख करोड़ रुपए के राजस्व की उम्मीद जताई है। उनके अनुसार, अगर एक श्रद्धालु 8,000 रुपए खर्च करता है, तो कुल खर्च 3.2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भी इस आंकड़े को समर्थन दिया और बताया कि इस आयोजन से होटल, भोजन, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य व्यापारिक गतिविधियों में 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक की आय हो सकती है।

सुरक्षा और प्रबंधन
महाकुंभ में सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद सख्त थी। यूपी पुलिस के अनुसार, 50,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी और 2,700 ए.आई. कैमरों का उपयोग किया गया था। इसके अलावा, 113 अंडरवाटर ड्रोन भी पानी की निगरानी के लिए लगाए गए थे।

कुंभ में विशाल तंबू और श्रमिकों की मेहनत
इस बार के कुंभ मेले में लगभग 68 लाख लकड़ी की पोल का इस्तेमाल किया गया, जिनकी लंबाई कुल मिलाकर 20,726 किलोमीटर से अधिक थी। इसके अलावा, 100 किलोमीटर के कपड़े और 250 टन CGI शीट्स का उपयोग किया गया। इन संरचनाओं को तैयार करने के लिए 3,000 श्रमिकों ने तीन शिफ्टों में काम किया।

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