Edited By Tanuja,Updated: 13 Feb, 2025 11:17 AM
![number of indian students in france expected to rise to 10 000 this year](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_11_16_273208578modiinfranc3-ll.jpg)
पढ़ाई के लिए फ्रांस का रुख करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या इस साल बढ़कर रिकॉर्ड 10,000 के स्तर पर पहुंच जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात ...
Paris: पढ़ाई के लिए फ्रांस का रुख करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या इस साल बढ़कर रिकॉर्ड 10,000 के स्तर पर पहुंच जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात के बाद बुधवार को यहां दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में यह उम्मीद जताई गई है। बयान के मुताबिक, “मोदी और मैक्रों ने दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश संबंधों को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने हिंद-प्रशांत और विभिन्न वैश्विक मंचों एवं पहल में अपनी भागीदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता भी जताई।” बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय कक्षा योजना की सफल शुरुआत का स्वागत किया। इस योजना के तहत भारतीय छात्रों को फ्रांस में उनके चुने हुए पाठ्यक्रम में दाखिला देने से पहले, प्रतिष्ठित फ्रांसीसी विश्वविद्यालयों में फ्रांस की भाषा फ्रेंच सिखाई जाती है और स्थानीय कार्यप्रणाली के बारे में पढ़ाया जाता है।
बयान में कहा गया है, “यह फ्रांस में भारतीय छात्रों की आमद बढ़ाने और 2030 तक उनकी संख्या 30,000 तक पहुंचाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाएगा। दोनों नेताओं ने फ्रांस में भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या का स्वागत किया, जिसके 2025 तक 10,000 के उच्च स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।” बयान के अनुसार, मोदी और मैक्रों ने भारत-फ्रांस प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते (एमएमपीए) के तहत युवा पेशेवर योजना (वाईपीएस) के संचालन का भी स्वागत किया। इसमें कहा गया है कि यह योजना युवा पेशेवरों की दो-तरफा आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे भारत और फ्रांस के लोगों के बीच दोस्ती का रिश्ता और मजबूत होगा।
बयान के मुताबिक, मोदी और मैक्रों ने कौशल विकास, व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दिया। इसमें कहा गया है कि मोदी और मैक्रों ने कृत्रिम मेधा (एआई) पर भारत-फ्रांस रोडमैप जारी किया, जो सुरक्षित, खुले, संरक्षित और भरोसेमंद एआई के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के दोनों देशों के दृष्टिकोण पर आधारित है।