Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Jan, 2025 08:51 PM
भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, और 2025 तक यह संख्या 900 मिलियन से भी अधिक हो सकती है। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) और मार्केट रिसर्च फर्म कैंटर द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट का उपयोग करने वाले...
नेशनल डेस्क: भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, और 2025 तक यह संख्या 900 मिलियन से भी अधिक हो सकती है। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) और मार्केट रिसर्च फर्म कैंटर द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में अगले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट में विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों से इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई है।
OTT सामग्री के लिए बढ़ा इंटरनेट उपयोग
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 732 मिलियन लोग, जो इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का लगभग 83 प्रतिशत हैं, ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स के जरिए ऑडियो और वीडियो कंटेंट का उपभोग करते हैं। इसके अलावा, इंटरनेट का उपयोग सोशल मीडिया, ऑनलाइन संचार, और गेमिंग जैसे अन्य कार्यों के लिए भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। बिस्वप्रिया भट्टाचार्जी, कैंटर के निदेशक ने भविष्यवाणी की है कि साल 2030 तक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में तेजी से वृद्धि नहीं होगी, लेकिन गहरे उपयोग (deep internet usage) में वृद्धि देखी जा सकती है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समान इंटरनेट उपयोग
रिपोर्ट के अनुसार, उपयोगकर्ता औसतन प्रतिदिन 90 मिनट इंटरनेट का उपयोग करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि शहरी और ग्रामीण उपयोगकर्ताओं के बीच ऑनलाइन समय में कोई बड़ा अंतर नहीं पाया गया है। शहरी उपयोगकर्ता जहां 94 प्रतिशत समय ऑनलाइन बिताते हैं, वहीं ग्रामीण उपयोगकर्ता 95 प्रतिशत समय ऑनलाइन रहते हैं।
लिंग के हिसाब से इंटरनेट उपयोगकर्ता में पुरुषों की हिस्सेदारी 53 प्रतिशत है, जबकि महिलाओं की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत है। इसके अलावा साल 2024 तक, 870 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता भारतीय भाषाओं का उपयोग करके इंटरनेट एक्सेस करेंगे। शहरी उपयोगकर्ताओं में से 57 प्रतिशत ने स्थानीय भाषाओं में इंटरनेट सामग्री एक्सेस करने को प्राथमिकता दी है।
शेयर किए गए उपकरणों का बढ़ता उपयोग
रिपोर्ट में एक और रोचक तथ्य सामने आया है कि ऐसे उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ी है जो दूसरों के मोबाइल फोन या अन्य उपकरणों का उपयोग करके इंटरनेट एक्सेस करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पाँच में से एक उपयोगकर्ता किसी अन्य व्यक्ति के डिवाइस का उपयोग करता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में साझा डिवाइस का उपयोग 2024 में 24 प्रतिशत बढ़ा है।
कॉर्ड कटर और नए उपकरणों का बढ़ता चलन
"कॉर्ड कटर" यानी वे लोग जो टीवी से नहीं, बल्कि मोबाइल या कनेक्टेड टीवी के जरिए इंटरनेट के माध्यम से कंटेंट देखते हैं, उनकी संख्या भी बढ़ रही है। वर्तमान में, 286 मिलियन लोग पारंपरिक टीवी से हटकर इंटरनेट के जरिए सामग्री का उपभोग कर रहे हैं। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में गैर-पारंपरिक उपकरणों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह वृद्धि और भी तेज़ है।
AI और वॉयस कमांड का बढ़ता प्रभाव
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के विकास के साथ, शहरी भारत में इसके उपयोग का रुझान अधिक है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसके प्रति जागरूकता और अपनाने की गति तेज़ी से बढ़ रही है। इसके अलावा, एक रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 20 प्रतिशत इंटरनेट उपयोगकर्ता वॉयस-आधारित कमांड का उपयोग करके इंटरनेट एक्सेस करते हैं।