Edited By Rohini Oberoi,Updated: 23 Mar, 2025 04:04 PM

आयकर विभाग के ताजे आंकड़ों से यह सामने आया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5 लाख रुपये तक कमाने वाले करदाताओं की संख्या बढ़कर 1.90 करोड़ हो गई है। वहीं इससे ज्यादा कमाने वाले करदाताओं की संख्या 2.41 करोड़ तक पहुंच गई है। इस आंकड़े में 51 लाख नए...
नेशनल डेस्क। आयकर विभाग के ताजे आंकड़ों से यह सामने आया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5 लाख रुपये तक कमाने वाले करदाताओं की संख्या बढ़कर 1.90 करोड़ हो गई है। वहीं इससे ज्यादा कमाने वाले करदाताओं की संख्या 2.41 करोड़ तक पहुंच गई है। इस आंकड़े में 51 लाख नए करदाता शामिल हैं जिनमें से सबसे ज्यादा संख्या उन करदाताओं की है जिनकी आय 5 से 10 लाख रुपये के बीच है।
क्या है इसका कारण?
इसके पीछे एक प्रमुख कारण है टैक्स छूट की सीमा का बढ़ना। पहले 5 लाख रुपये तक कमाने वालों को कर से छूट मिलती थी लेकिन अब केंद्र सरकार ने बजट 2024-25 में 7 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त कर दिया है। इसके बाद यह सीमा 12 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है जिससे अगले साल 5 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वाले करदाताओं की संख्या और बढ़ सकती है। इसके अलावा डिजिटल लेनदेन के बढ़ने से टैक्स चोरी की गुंजाइश कम हुई है और लोग अपनी वास्तविक आय बताने में संकोच नहीं कर रहे।
कैसे बढ़े हैं आयकरदाता?
वर्ष 2024-25 के आंकड़ों में यह देखा गया है कि नए करदाताओं में सबसे ज्यादा संख्या 5 से 10 लाख रुपये कमाने वालों की रही है। इसके अलावा 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों की संख्या में 34% की बढ़ोतरी हुई है। 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक कमाने वाले करदाताओं की संख्या में भी 33% की वृद्धि हुई है।
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आय के विभिन्न स्रोतों से बढ़ी समृद्धि
देश की अर्थव्यवस्था में आए लचीलापन और आय के कई नए स्रोतों की वजह से लोग समृद्ध हो रहे हैं। डिजिटल इकोनॉमी, तकनीक, स्टार्टअप्स और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्र बढ़ रहे हैं। साथ ही वित्तीय सेवाएं, फार्मास्युटिकल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी तेजी से विस्तार कर रहे हैं। स्थाई नौकरियों की जगह अब फ्रीलांसिंग और अन्य व्यवसायों की ओर लोग बढ़ रहे हैं जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो रही है और वे टैक्स देने के लिए स्वेच्छा से सामने आ रहे हैं।
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2024-25 में आय के नए आंकड़े
वर्षों के हिसाब से देखें तो 5 लाख रुपये तक कमाने वालों की संख्या में घटाव हुआ है जबकि 5 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वाले करदाताओं की संख्या बढ़ी है। 2023-24 में 6.02 लाख लोग 5 लाख रुपये तक की आय से कमाते थे लेकिन 2024-25 में यह संख्या घटकर 4.12 लाख हो गई है। वहीं 5-10 लाख रुपये कमाने वाले करदाताओं की संख्या में 140% से अधिक बढ़ोतरी हुई है।
आखिरकार यह बदलाव क्यों आया?
लोगों ने अपनी आय के नए स्रोत तैयार किए हैं जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है और साथ ही टैक्स देने में भी उनका योगदान बढ़ा है। साथ ही बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था, तकनीकी क्षेत्र की तरक्की और अन्य नए व्यापारिक क्षेत्रों में वृद्धि ने करदाताओं की संख्या बढ़ाई है।