Edited By Mahima,Updated: 21 Sep, 2024 05:14 PM
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी आज शाम दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। उनके साथ गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन, और मुकेश अहलावत भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। विधानसभा में बहुमत साबित करना उनके लिए...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की राजनीतिक फलक पर आज एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी आज शाम दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। उनके साथ पांच अन्य मंत्रियों का भी शपथ ग्रहण समारोह होगा। यह कार्यक्रम दिल्ली के राजनिवास में आयोजित किया जाएगा और इसका समय 21 सितंबर को शाम 4:30 बजे निर्धारित किया गया है।
शपथ ग्रहण की तारीख निर्धारित करने का किया अनुरोध
आतिशी का चुनाव दिल्ली के विधायक दल का नेता बनने के बाद हुआ, जब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दिया। केजरीवाल ने यह फैसला लिया कि वे तब तक मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं देती। उनके इस्तीफे के बाद, आतिशी ने उपराज्यपाल से नई सरकार बनाने का दावा पेश किया और शपथ ग्रहण की तारीख निर्धारित करने का अनुरोध किया। आतिशी वर्तमान में वित्त, शिक्षा, और लोक निर्माण विभाग (PWD) समेत कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। उन्हें अपनी नई भूमिका में कई चुनौतियों का सामना करना होगा, जिसमें दिल्ली की शिक्षा प्रणाली और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार शामिल है।
नए कैबिनेट मंत्रियों की सूची
आतिशी के साथ शपथ लेने वाले पांच कैबिनेट मंत्रियों के नाम निम्नलिखित हैं:
1. गोपाल राय: वह परिवहन और पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगे।
2. कैलाश गहलोत: वह शिक्षा और अन्य सामाजिक विकास कार्यक्रमों के लिए जिम्मेदार होंगे।
3. सौरभ भारद्वाज: उन्हें स्वास्थ्य और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का प्रभार दिया जाएगा।
4. इमरान हुसैन: वह बाजार और उपभोक्ता मामले जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
5. मुकेश अहलावत: उन्हें अन्य महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा सौंपा गया है।
ये सभी मंत्री नई सरकार की दिशा और नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे आम जनता को सीधे लाभ होगा।
विधानसभा में बहुमत साबित करना आवश्यक
दिल्ली सरकार ने 26 और 27 सितंबर को विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। इस सत्र के दौरान, आतिशी को विधानसभा में बहुमत सिद्ध करना होगा, जो उनकी सरकार की स्थिरता के लिए बेहद जरूरी है। यदि वह इस परीक्षण में सफल होती हैं, तो यह उनके नेतृत्व में सरकार की कार्यक्षमता को साबित करेगा।
तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में ऐतिहासिक कदम
आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनेंगी। इससे पहले, भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित इस पद पर रह चुकी हैं। सुषमा स्वराज का कार्यकाल बहुत छोटा रहा, लेकिन शीला दीक्षित ने 15 वर्षों तक इस पद पर रहकर कई महत्वपूर्ण सुधार किए। आतिशी का यह पद ग्रहण न केवल उनके लिए, बल्कि दिल्ली की महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायक है, जो राजनीति में सक्रियता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित हो सकती हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल का इस्तीफा
अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे में कहा था कि वे तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक दिल्ली की जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं देती। उनका यह बयान दर्शाता है कि वे दिल्ली के लोगों के प्रति कितने जवाबदेह हैं। उन्होंने इसके बाद उपराज्यपाल से मुलाकात की और औपचारिक रूप से अपने पद से इस्तीफा दिया। यह घटना राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आम आदमी पार्टी की आंतरिक राजनीति में भी बदलाव आया है।
आतिशी का सीएम बनना और नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह न केवल नई सरकार के लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि दिल्ली की जनता के लिए भी उम्मीद की किरण है। आतिशी और उनके कैबिनेट को चुनौतियों का सामना करते हुए दिल्ली के विकास के लिए कार्य करने की आवश्यकता होगी। अब सभी की नजरें इस शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद की राजनीतिक गतिविधियों पर रहेंगी, जिससे यह पता चलेगा कि नई सरकार किस दिशा में आगे बढ़ती है।