Edited By Yaspal,Updated: 19 Nov, 2024 05:36 PM
दिल्ली में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन घनी धुंध छायी रही और प्रदूषण का स्तर 488 पर पहुंचे एक्यूआई के साथ ‘बेहद गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया। मंद हवाओं और गिरते तापमान के कारण प्रदूषक कणों का छंटना मुश्किल हो गया।
नई दिल्लीः दिल्ली में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन घनी धुंध छायी रही और प्रदूषण का स्तर 488 पर पहुंचे एक्यूआई के साथ ‘बेहद गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया। मंद हवाओं और गिरते तापमान के कारण प्रदूषक कणों का छंटना मुश्किल हो गया। दिल्ली के आसपास के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं के कारण उससे निकला धुंआ और प्रदूषक ठंडी हवा में घुलमिल जाते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में सोमवार को इस मौसम की सबसे सर्द रात दर्ज की गई, जब पारा पिछली रात के 16.2 डिग्री सेल्सियस से घटकर 12.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि शहर की बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए घर से काम करने के उपायों और ऑड-ईवन योजना को लागू करने पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। गोपाल राय ने कहा कि बच्चे और वरिष्ठ नागरिक सहित लोग सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हमें इस स्थिति पर गहरा अफसोस है।
मंत्री गोपाल राय बोले- जल्द किया जाएगा फैसला
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता रविवार से गंभीर प्लस श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली के निजी और सरकारी कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम लागू करने को लेकर मंत्री ने कहा कि इस पर हम जल्द ही निर्णय लेंगे। सरकार ने पहले ही ग्रैप-IV के तहत वाहनों पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। हम इन उपायों के प्रभाव का विश्लेषण कर रहे हैं। इसके बाद राजधानी में वाहनों को ऑड-ईवन के फार्मूले से चलाने पर फैसला किया जाएगा।
गोपाल राय ने वर्तमान स्थिति को चिकित्सीय आपातकाल करार देते हुए सभी लोगों द्वारा कार्रवाई करने की जरुरत पर जोर देते हुए कहा कि यह चिकित्सीय आपातकाल का समय है और हम सभी को इस स्थिति से निपटने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर मीटिंग बुलाए केंद्रः राय
गोपाल राय ने कहा कि ‘ग्रैप’ को पूरे उत्तर भारत में लागू किया जाना चाहिए, भाजपा शासित राज्यों में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर आपातकालीन बैठक बुलाने के संबंध में दिल्ली सरकार के लगातार अनुरोध के बावजूद भाजपा के पर्यावरण मंत्री सो रहे हैं। मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से एक बार फिर प्रदूषण पर आपात बैठक बुलाने और कृत्रिम बारिश की अनुमति देने का अनुरोध करता हूं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए, कार्रवाई करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है और केंद्र को प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। केंद्र सरकार कार्रवाई नहीं कर सकती तो उनके मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में रविवार से ही वायु गुणवत्ता ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में बनी हुई है और एक्यूआई भी लगातार 450 से ऊपर दर्ज किया जा रहा है।