Edited By Rahul Rana,Updated: 10 Dec, 2024 02:06 PM
ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस के सदस्यों ने 'मिशन शक्ति' योजना के तहत कार्यरत लगभग 60,000 सहायक महिला कर्मचारियों को कथित रूप से वेतन न दिए जाने के विरोध में सदन के अंदर प्रदर्शन किया।
नॅशनल डेस्क। ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस के सदस्यों ने 'मिशन शक्ति' योजना के तहत कार्यरत लगभग 60,000 सहायक महिला कर्मचारियों को कथित रूप से वेतन न दिए जाने के विरोध में सदन के अंदर प्रदर्शन किया।
क्या है पूरा मामला?
सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 10.30 बजे प्रश्नकाल शुरू होते ही बीजद के सदस्य आसन के पास पहुंचे और महिला सहायक कर्मचारियों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। यह महिला कर्मचारी सोमवार से विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रही हैं। उनका आरोप है कि उन्हें पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिला है।
कांग्रेस का समर्थन
बीजद के प्रदर्शन में कांग्रेस के सदस्य भी शामिल हो गए और उन्होंने आंदोलनकारी महिलाओं का समर्थन किया। विधानसभा में मौजूद विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "भा.ज.पा. सरकार 'मिशन शक्ति' योजना के कर्मचारियों का वेतन रोकने की साजिश कर रही है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। इस योजना में 70 लाख से ज्यादा महिला कर्मचारी काम कर रही हैं।"
सरकार का बयान
वहीं उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने कहा कि आंदोलनकारी महिलाओं को बहकाया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने विधानसभा के बाहर कहा, "इस मुद्दे पर पहले ही विधानसभा में चर्चा हो चुकी है। राज्य सरकार महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेगी।"
अंत में बता दें कि यह मामला ओडिशा सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, जहां महिला कर्मचारियों के वेतन की समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विधानसभा में भी यह मुद्दा गर्मा गया और विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने का प्रयास किया है। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस मामले में जल्द कोई ठोस कदम उठाती है या नहीं।