Odisha: प्रसव पीड़ा के बावजूद गर्भवती महिला को लेडी अफसर ने नहीं दी छुट्टी, गर्भ में हुई बच्चे की मौत

Edited By rajesh kumar,Updated: 30 Oct, 2024 06:16 PM

odisha lady officer did not leave pregnant female child died womb

ओडिशा के डेरेबिस ब्लॉक में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां महिला एवं बाल विकास विभाग में काम करने वाली प्रेग्नेंट क्लर्क वर्षा प्रियदर्शिनी के सात महीने के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। आरोप है कि बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) स्नेहलता साहू ने वर्षा...

नेशनल डेस्क: ओडिशा के डेरेबिस ब्लॉक में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां महिला एवं बाल विकास विभाग में काम करने वाली प्रेग्नेंट क्लर्क वर्षा प्रियदर्शिनी के सात महीने के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। ओडिशा सरकार ने संबद्ध बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) को बुधवार को पद से हटा दिया। सीडीपीओ पर आरोप है कि महिला कर्मचारी को छुट्टी नहीं मिलने के कारण उसके अजन्मे बच्चे की जान चली गई।

उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिदा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि केंद्रपाड़ा जिले के डेराबिश ब्लॉक की सीडीपीओ स्नेहलता साहू को महिला एवं बाल विकास विभाग की 26 वर्षीय क्लर्क वर्षा प्रियदर्शिनी द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए पद से हटा दिया गया है।
 

छुट्टी न मिलने के कारण गर्भ में बच्चे की मौत हुई- पीड़िता 
सात माह की गर्भवती वर्षा ने मंगलवार को संवाददाताओं से बात करते हुए आरोप लगाया था कि 25 अक्टूबर को कार्यालय में प्रसव पीड़ा होने के बावजूद छुट्टी न मिलने के कारण गर्भ में ही उनके बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सीडीपीओ साहू और अन्य अधिकारियों ने अस्पताल जाने देने के उनके अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया। वर्षा ने यह भी दावा किया कि साहू ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

बाद में, वर्षा के रिश्तेदार उसे केंद्रपाड़ा के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां अल्ट्रासाउंड जांच में पता चला कि उनके अजन्मे बच्चे की मौत हो चुकी है। वर्षा ने साहू पर ‘‘मानसिक उत्पीड़न और घोर लापरवाही'' का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी के समक्ष एक लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें साहू के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रभार संभाल रहीं परिदा ने कहा कि मामले की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

मैं वर्षा की प्रसव पीड़ा से अवगत नहीं थी- CDPO का दावा 
जिलाधिकारी को मामले की गहन जांच करने का निर्देश दिया गया है। केंद्रपाड़ा जिला प्रशासन ने पहले ही जिला समाज कल्याण अधिकारी को मामले की जांच कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। सीडीपीओ ने दावा किया कि वह वर्षा की प्रसव पीड़ा से अवगत नहीं थी। 

 

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