Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 10 Jan, 2025 06:38 PM
इस चमत्कारी घटना को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हो रही हैं और लोगों का मानना है कि अरविंद का घर लौटना किसी रहस्य से कम नहीं है। पूरे गांव में खुशी का माहौल है और परिवार ने इस अद्भुत मिलन को भगवान का आशीर्वाद माना है।
नेशनल डेस्क: सीतापुर के रेवान गांव में 23 साल बाद एक चमत्कारी घटना घटी, जब अरविंद कुमार मौर्य, जो 23 साल पहले लापता हो गए थे, अचानक अपने परिवार के पास वापस लौट आए। अरविंद का घर लौटना उनके परिवार के लिए किसी चमत्कारी संयोग से कम नहीं था। मंगलवार सुबह अरविंद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गांव पहुंचे, लेकिन जब वह घर पहुंचे तो पहले परिवार को उन्हें पहचानने में दिक्कत हुई। धीरे-धीरे उनके माता-पिता उन्हें बचपन में सिर पर लगे चोट से पहचान लिया और घर में खुशी का माहौल बन गया।
23 साल पहले हुआ था लापता
यह घटना तब की है, जब अरविंद कुमार मौर्य करीब 18 साल के थे। अरविंद अपने कुछ अन्य साथियों के साथ गांव से बाहर, सदरपुर थाना क्षेत्र में स्थित रमुवापुर बाजार में सौंफ बेचने गए थे। उस दौरान वह अचानक गायब हो गए और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। परिजनों ने अरविंद की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन उनका कोई भी पता नहीं चला। इसके बाद परिवार ने रेउसा थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन इतने सालों तक अरविंद का कोई सुराग नहीं मिला।
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परिवार और गांव में खुशी की लहर
अरविंद का घर लौटना गांव के लिए एक ऐतिहासिक घटना बन गई। जैसे ही उनके घर लौटने की खबर मिली, गांव के लोग और रिश्तेदार उनसे मिलने के लिए उत्साहित हो गए। पड़ोस में रहने वाले उनके सगे बहनोई ने भी इस मौके पर अपनी सास के साथ रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन बाद में यह पता चला कि वह अरविंद ही थे, जिसके बाद सभी को घर वापस ले आया गया और रजिस्ट्री नहीं हो पाई। अरविंद के घर वापस लौटने के बाद उनकी मां और अन्य परिवार के सदस्य आंसू बहाते हुए उन्हें गले लगा लिया। 23 साल बाद अपने बेटे को देख पाना, खासकर उनकी मां के लिए बेहद भावनात्मक था। इस पल को परिवार और गांव वालों ने दिल से जश्न मनाया और अरविंद के वापस लौटने को एक अद्वितीय संयोग माना।
परिवार का दिल छूने वाला सफर
अरविंद के साथ उनकी पत्नी और बच्चे भी थे, जो अब खुशहाल जीवन जी रहे थे। हालांकि, इतने सालों बाद वह घर लौटे, लेकिन उनके चेहरे पर किसी प्रकार की घबराहट या अफसोस नहीं था। उन्होंने बताया कि वह हमेशा अपने परिवार के बारे में सोचते रहे, लेकिन किसी कारणवश उनका संपर्क टूट गया था।