Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Dec, 2024 07:19 PM
प्राकृतिक तेल एवं गैस उत्खन्न के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने सहित इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान के उद्देश्य से लाए गए तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक 2024 को मंगलवार को राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
नेशनल डेस्क: प्राकृतिक तेल एवं गैस उत्खन्न के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने सहित इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान के उद्देश्य से लाए गए तेल क्षेत्र (विनियमन एवं विकास) संशोधन विधेयक 2024 को मंगलवार को राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन में इस विधेयक पर हुई चर्चा का जबाव देते हुए केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस क्षेत्र में बड़े निवेश की जरूरत होती है। गहरे समुद्र में एक तेल का कुंआ बनाने पर 10 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश करना पड़ता है।
इसके साथ ही जो कंपनियां इतना बड़ा निवेश करेगी वह यहां खैरात के लिए नहीं करेगी। उसे भी अपने निवेश पर लाभ चाहिए होता है। इस सबको ध्यान में रखते हुये यह संशोधन लाया गया है। इसका मकसद इस क्षेत्र के लिए स्थिर कानून, विवाद निपटरा, एकल लीज आदि की वैधानिक व्यवस्था करना है। इससे किसी भी राज्य सरकार का अधिकार नहीं छीना जा रहा है क्योंकि तेल क्षेत्र के आवंटन और उस पर रॉयल्टी का अधिकार राज्यों के पास ही है।
देश में 72 दिनों के लिए अपात तेल भंडार
हरदीप पुरी ने कहा कि वर्ष 2006 में दुनिया की प्रमुख तेल कंपनियां भारत आई थी, लेकिन 2010 तक सबने देश को छोड़ दिया। अब फिर से सरकार दुनिया की पांच बड़ी तेल कंपनियों को देश में लाना चाह रही है और इसी को ध्यान में रखते हुए कानून में संशोधन किया गया है। उन्होंने चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जबाव देते हुए कहा कि देश में सात नहीं बल्कि 72 दिनों के लिए अपात तेल भंडार है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2020 के बाद उत्पन्न वैश्विक स्थिति के कारण रूस से अधिक तेल खरीदा जा रहा है। तेल खरीदने का काम तेल विपणन कंपनियां करती है और इसके लिए टेंडर जारी किया जाता है। पहले खाड़ी देशों से तेल का अधिक आयात किया जाता था, लेकिन अभी इसमें कमी आई है।
तेल उत्पादन घटने के सवाल पर क्या बोले हरदीप पुरी?
केन्द्रीय मंत्री ने तेल की कीमतों को लेकर किये गए सवालों पर कहा कि पिछले तीन वर्षों से विश्व की तुलना में भारत में इनकी कीमतें कम रही है। पिछले तीन वर्षों में गैस का उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़ा है। मुंबई हाई में तेल उत्पादन घटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वहां तेल के कुएं बहुत पुराने हो चुके हैं और उसमें नए निवेश और प्रौद्योगिकी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया जायेगा क्योंकि अभी यह 16.9 प्रतिशत पर पहुंच चुका है। इसके साथ ही देश ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ रहा है। पुरी के जवाब के बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।